आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की भारत में कितनी भाषाएं बोली जाती है । Bharat mein kitni bhasha boli jaati hai ताकि आपको भारत में बोली जाने वाली लैंग्वेज का पता चल सके.
भाषा संवाद का एक मुख्य माध्यम है। भाषा लोगों को आपस में जोड़ती है। भाषा के माध्यम से ही हम इंसान एक दूसरे को अपनी बातें आसानी से समझा पाते है।
विभिन्न भाषाओं का प्रयोग करके अपनी बातों को बोलकर समझा पाने का नायाब तोहफा केवल हम इंसानों के पास ही है।
अब स्वाल यह है कि “भारत में कितनी भाषाएं बोली जाती है”? इसका जवाब है- “भारत एक, भाषाएं अनेक“।
भारत विविधताओं का देश है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश के हर कोने में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती है। देश के हर हिस्से की अपनी अलग संस्कृति और अपनी अलग भाषा है।
उत्तर और मध्य भारत में हिंदी भाषा का प्रयोग अधिक होता है वहीं दक्षिण भारत में कन्नड़, तमिल, तेलुगू और मराठी भाषा का प्रयोग अधिक होता है। पश्चिम भारत में पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी और हरियाणवी भाषा बोली जाती है तो वहीं पूर्वी भारत में हिंदी के साथ-साथ आसामी और बंगाली भाषा ज्यादा प्रचलित है।
भारत में कितनी भाषाएं बोली जाती है । Bharat mein kitni bhasha boli jaati hai
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“भारत में कितनी भाषाएं बोली जाती है” इसका सही अनुमान लगा पाना बहुत मुश्किल है और ना ही इसे किसी संख्या में बताया जा सकता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार “संघ की आधिकारिक भाषा हिंदी होगी जिसकी
लिपि देवनागरी होगी और संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है।
मूल रूप से, संविधान में पहले केवल 14 भाषाओं को शामिल किया गया था लेकिन बाद में, कई संशोधनों के बाद, अन्य भाषाओं को भी जोड़ लिया गया। इन भाषाओं को संवैधानिक रूप से आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। इन्हें 22 ऑफिशियल लैंग्वेज (Official Language) भी कहा जाता है।
हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं का प्रयोग आमतौर पर सबसे ज्यादा किया जाता है। यह दोनों ही भाषाएं सरकारी कामकाज और व्यवहार में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख भाषाएं है। देश में हुई जनगणना के अनुसार भारत में 19,500 बोलियाँ मातृभाषा के रूप में बोली जाती है जो लगभग 122 भाषाएँ है।
ये भाषाएं एक वर्ग समूह, एक धर्म संप्रदाय या एक विशेष क्षेत्र के लोग बोलचाल और अपने सभी कार्यों के लिए प्रयोग करते है।
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भारत की पहली भाषा
“संस्कृत भाषा” भारत की सबसे प्राचीन और सबसे पहली भाषा मानी जाती है। भारत के सभी प्राचीन ग्रंथ, वेद-पुराण, महाकाव्य आदि सभी की रचना संस्कृत भाषा में ही की गई है।
भारत की 22 आधिकारिक भाषाएं
- हिंदी
- बंगाली
- असमिया
- बोडो
- डोंगरी
- गुजराती
- तमिल
- तेलुगू
- उर्दू
- सिंधी
- संथाली
- संस्कृति
- पंजाबी
- ओरिया
- नेपाली
- मराठी
- मणिपुरी
- मलयालम
- मैथिली
- कश्मीरी
- कनाडा
- कोंकड़ी
देश की लगभग 90% आबादी इन्हीं भाषाओं का प्रयोग करती है। इन भाषाओं को भारत के संविधान में राजभाषा की भी संज्ञा दी गई है। संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत इन भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है।
“हिंदी – भारत की राजभाषा”
भारत में सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा हिंदी है और इसे “भारत की राजभाषा” का दर्जा प्राप्त है। सामान्यतः हर एक देश की अपनी एक राष्ट्रभाषा होती है जैसे इंग्लैंड और अमेरिका की अंग्रेजी भाषा।
वहां अधिकतर लोग अंग्रेजी भाषा ही बोलते और समझते है लेकिन भारत की कोई राष्ट्रभाषा (National Language) नहीं है। हां लेकिन… हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं को भारत में ऑफिशियल लैंग्वेज का दर्जा दिया जाता है। भारत में हर जगह सभी कार्यों के लिए इन दोनों भाषाओं का प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है।
भारत में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली 5 प्रमुख भाषाओं का विस्तृत विवरण। हिंदी भाषा “हिंदी भाषा” सारे विश्व में लगभग 26 करोड़ और भारत में लगभग 40% लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। भारत के अलावा यह भाषा नेपाल, मॉरीशस, फिजी, गयाना और सूरीनाम में भी बोली और समझी जाती है।
यह न्यूजीलैंड की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा में चौथे नंबर पर आती है। इसके अलावा अमेरिका जर्मनी और सिंगापुर में भी हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है। भारत के अधिकतर राज्यों में सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली मुख्य भाषा है।
बंगाली भाषा
“बंगाली भाषा” विश्व के 24.2 करोड़ और भारत की लगभग 8% आबादी द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। बंगाली भाषा, हिंदी भाषा के बाद सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह बांग्लादेश और भारत के पश्चिमी बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों जैसे असम, झारखंड और त्रिपुरा में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है।
गुजराती भाषा
“गुजराती भाषा” भारत की कुल आबादी के 4% लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक प्रचलित भाषा है। जैसा कि नाम भी बता रहा है कि यह गुजरात की प्रमुख भाषा है लेकिन इसके अलावा दादरा एंड नगर हवेली, दमन एंड दीव में भी इस भाषा का
सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है।
मराठी भाषा
भारत की लगभग 3% आबादी द्वारा बोली जाने वाली मुख्य भाषा मराठी भाषा है। दक्षिण भारत में आम बोलचाल की भाषा में इसे आसानी से सुना जा सकता है। भारत की आर्थिक नगरी मुंबई (महाराष्ट्र) की मराठी मुख्य भाषा है। महाराष्ट्र के अलावा गोवा, दादर एंड नगर हवेली, दमन एंड दीव में भी इस भाषा का काफी प्रयोग किया जाता है।
कन्नड़ भाषा
गुजराती भाषा के साथ-साथ भारत की कुल जनसंख्या के 4% लोगों द्वारा बोली जाने वाली अन्य प्रमुख भाषा कन्नड़ भाषा है जिसकी गिनती भाषाओं में होती है। यह भी दक्षिण भारत की ही प्रमुख भाषा है। जिसे दक्षिणी राज्यों जैसे कर्नाटका, केरला, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है।
विभिन्न राज्यों में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाएं
राज्य | भाषाएं |
अंडमान एंड निकोबार, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड | हिंदी |
असम, अरुणाचल प्रदेश | बोडो, असामी, निस्सी |
पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा | बंगाली |
जम्मू और कश्मीर | डोगरी, कश्मीरी |
गुजरात, दादर एंड नगर हवेली, दमन एंड दीव | गुजराती |
कर्नाटक | कन्नड़ |
केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, दादर एंड नगर हवेली, दमन एंड दीव | कोंकणी |
बिहार, झारखंड | मैथिली |
केरल, लक्षद्वीप, पांडिचेरी | मलयालम |
मणिपुर | मणिपुरी |
सिक्किम, पश्चिम बंगाल | नेपाली |
उड़ीसा | ओड़िया |
पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और हरियाणा की 2nd लैंग्वेज | पंजाबी |
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड | संस्कृत |
झारखंड,असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मिजोरम, उड़ीसा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के कुछ राज्य | संताली |
उल्हासनगर व गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्र | सिंधी |
तमिल नाडु, पांडिचेरी | तमिल |
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व पांडिचेरी के कुछ क्षेत्र | तेलुगू |
जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना, झारखंड, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के क्षेत्र | उर्दू |
हर राज्य की प्रमुख भाषा के साथ-साथ उस राज्य में रहने वाले विभिन्न संप्रदाय के लोगों द्वारा विभिन्न भाषाओं का प्रयोग भी किया जाता है।
इन प्रमुख भाषाओं के अलावा भारत में अन्य कई प्रकार की भाषाएं बोली जाती है जैसे; हिन्द-आर्य भाषाएँ, द्रविड़ भाषाएँ, ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ, तिब्बती-बर्मी भाषाएँ, इंडो- यूरोपियन भाषाएं, फारसी, आदि। जिन्हें आगे अन्य कई भाषाओं में वर्गीकृत किया जा सकता है।
हिन्द-आर्य भाषाओं के अंतर्गत आने वाली भाषाएं
पालि, प्राकृत, मारवाड़ी/ मेवाड़ी, अपभ्रंश, हिंदी, उर्दू, पंजाबी, राजस्थानी, सिंधी, कश्मीरी, मैथिली, भोजपुरी, नेपाली, मराठी, डोगरी, कुरमाली, नागपुरी, कोंकणी, गुजराती, बंगाली, ओड़िआ, असमिया आदि।
द्रविड़ भाषाओं के अंतर्गत आने वाली भाषाएं
तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, तुलू, गोंडी, कुड़ुख आदि।
ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं के अंतर्गत आने वाली भाषाएं
संथाली, हो, मुंडारी, खासी, भूमिज आदि।
तिब्बती-बर्मी भाषाओं के अंतर्गत आने वाली भाषाएं
नेपाल भाषा, मणिपुरी, खासी, मिज़ो, आओ, म्हार, नागा आदि।
भारत एक बहु-भाषीय देश है। जैसे भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते है वैसे ही भारत में अलग-अलग स्थानों पर अनेकों अलग-अलग भाषाएं बोली जाती है। “अनेकता में एकता” भारत की हमेशा से ही पहचान रही है।
आज आपने क्या सिखा
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