Google चांद कितनी दूर है, धरती से। Chand Kitni Door Hai Dharti Se

हम सब बचपन से सुनते आए है – “चंदा मामा दूर के”। रात के अंधेरे को चीरते हुए, अपनी चांदनी से रोशनी बिखरेते हुए हम जिस चांद को रोज रात को आसमां में देखते है, क्या आपको पता है, वह चांद धरती से कितनी दूर है। अगर हम चांद पर जाना चाहे तो धरती से चांद तक पहुंचने में कितना समय लगेगा।

आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की Google चांद कितनी दूर है, धरती से । Chand Kitni Door Hai Dharti Se? ताकि आपको धरती से चांद कितनी दूर है पता चल सके. 

आइए हम आपको बताते है कि चांद कितनी दूर है, धरती से?

Google चांद कितनी दूर है, धरती से । Chand Kitni Door Hai Dharti Se

Chand Kitni Door Hai Dharti Se

चांद पृथ्वी से लगभग 3,84,403 किलोमीटर यानी करीब 2,38,857 मील दूर है। यह Distance पृथ्वी के Diameter से 30 गुना ज्यादा है।

आइए चांद के बारे में और अधिक जाने।

चांद की उत्पत्ति लगभग 4 अरब वर्ष पूर्व हुई मानी जाती है। Earth सौरमंडल के नौ planets में से एक है और चांद पृथ्वी का एक एकमात्र Permanent natural satellite है जो पृथ्वी के चारों तरफ Continuous परिक्रमा करता रहता है। चांद 27.3 दिन में पृथ्वी के चारों तरफ अपना एक चक्कर पूरा करता है।

चांद का Diameter 3,476 किलोमीटर है। इसका Mass (द्रव्यमान), पृथ्वी के Mass का लगभग 1/8 है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह वायुमंडल विहीन उपग्रह है जो Helium, Neon और Organ गैसों से बना हुआ है। इसका प्रकाश सूर्य से परावर्तित होकर Earth तक मात्र 1.3 Second में पहुंच जाता है। यहां सूरज की किरणें Direct पड़ने के कारण बहुत ही चिलचिलाती हुई धूप होती है जिससे scientist के Devices भी खराब हो जाते है।

केवल छाया वाले हिस्से में पानी के ठोस रूप (Ice) में मौजूद होने के सबूत मिले है। चांद का Gravitational Force 1.62 m/s² है, जो धरती से बहुत कम है इसलिए यहां Human Body Weight 16.5% कम हो जाता है। Mean 60 Kg के इंसान का Weight चंद्रमा पर सिर्फ 10 Kg करीब रह जाएगा। 

चंद्रमा अपनी धुरी पर और साथ ही Earth के चारो ओर भी अपना एक चक्कर 27 दिन 8 घंटे में पूरा करता है। इसी कारण पृथ्वी से हमेशा चांद का आधा भाग ही दिखायी देता है और यही Half Part लगभग हमेशा सूर्य के प्रकाश में भी रहता है।

यह Solar System का Fifth, सबसे बड़ा Natural Satellite है। इसका आकार गोल है और इसका खुद का कोई  प्रकाश नहीं है बल्कि यह सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है। चंद्रमा की gravitational force पृथ्वी के gravitational force की लगभग 17% है।

धरती से चांद की Exact दूरी का तो पता लगाना Possible नहीं है। हां, लेकिन Scientist की research और आविष्कारों के According इस Distance का केवल अनुमान लगाया जा सकता है जो कि वैज्ञानिकों के अनुसार लगभग 3,84,403 किलोमीटर है। यह नियमित दूरी धरती पर संतुलन भी बनाए रखती है। 

सोचिए अगर आपको चांद पर जाने का विचार आए तो सबसे पहले आपके मन मे क्या सवाल उठेंगे?

  • धरती से चांद कितनी दूर है?
  • चांद पर पहुंचने में कितना समय लगेगा?
  • क्या चांद पर रहना संभव है?
  • अब तक चांद पर कितने लोग गए है?
  • चांद से देखने पर पृथ्वी कैसी नजर आएगी?

आपको इस Article में इन सब सवालों का जवाब मिलेगा।

जैसा कि हम सब जानते है कि चांद पर पहला कदम 20 जुलाई 1969 को अमेरिकी वैज्ञानिक नील आर्मस्ट्रांग ने रखा था और आज Science ने इतनी तरक्की कर ली है कि लोगों ने चांद पर जमीन तक खरीद ली है। अंतरिक्ष प्रेमियों और Adventurous लोगों के लिए तो यह एक सपने के सच होने जैसा ही है। 

जब चांद पर जमीन ले ली है और चांद पर जाना संभव है तो अगला सवाल यही आता है कि चांद पर पहुंचने में कितना समय लगेगा। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चांद पर पहुंचने का समय, चांद तक पहुंचने के लिए आप जिस विमान से यात्रा कर रहे है उसकी speed पर निर्भर करता है।

आज तक चंद्रमा पर भेजे गए विमानों की गति अलग-अलग रही है। अब तक सबसे कम Speed वाला विमान ESA SMART 1, लगभग 1 साल 1 महीने और 2 सप्ताह में चांद पर पहुंचा था। सन 1959 में मिशल लूना को चंद्रयान पर भेजा गया तब वह 34 घंटे में ही चांद पर पहुंच गया था।

वही सबसे तेज गति वाला विमान NASA NEW HORIZON केवल 8 घंटे और 35 मिनट में चांद पर पहुंच गया था। यह आज तक का चंद्रमा पर सबसे कम समय में पहुंचने का Record Time है। अब तक धरती से चांद तक पहुंचने का सपना लगभग 12 लोग पूरा कर चुके है।

यदि चन्द्रमा पर खड़े होकर पृथ्वी को देखे तो पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती हुई नजर आएगी हालांकि धरती पर रहने वाले लोगों को कभी भी यह महसूस नहीं होता कि धरती घूम रही है।

जैसा कि हम सब जानते है कि चांद पृथ्वी के चारों तरफ लगातार चक्कर लगाता रहता है इसलिए पृथ्वी से इसकी दूरी कम ज्यादा होती रहती है। यह तो आपने भी कई बार Notice किया होगा कि कई बार हमें चांद बहुत दूर छोटा सा नजर आता है और कई बार हमें चांद पृथ्वी के बेहद करीब और ज्यादा चमकदार नजर आता है।

ऐसा चांद का पृथ्वी के चारों तरफ परिक्रमा करते समय दूरी कम ज्यादा होने के कारण ही होता है। चांद जिस समय पृथ्वी के सबसे निकट होता है उस समय इसकी चमक लगभग 30% अधिक होती है।

पृथ्वी से चांद और सूरज की दूरी

हमें आसमान में दिन में सूरज और रात में चांद दिखाई देता है जोकि देखने में एक ही आकार के लगते है लेकिन असलियत में चांद सूरज से लगभग 400 गुना छोटा है। चांद छोटा होने के बावजूद भी सूरज के बराबर ही दिखाई देता है। इसका कारण चांद की सूरज की तुलना में पृथ्वी से कम दूरी का होना है।

सूरज की तुलना में चांद पृथ्वी के लगभग 400 गुना करीब है। इसलिए 400 गुना ज्यादा दूर होने के कारण सूरज बड़ा होने के बावजूद चांद जितना छोटा नजर आता है और चांद सूरज से छोटा होने के बावजूद सूरज के बराबर ही दिखाई देता है। चांद और सूरज दोनों के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है।

हम धरती पर रहते हुए Solar System के दूसरे Planets और Satellites में से केवल Sun और Moon को देख सकते है, इसलिए आपके मन में भी ख्याल आता होगा कि चांद और सूरज पृथ्वी के काफी करीब है लेकिन जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि पृथ्वी से चांद की दूरी लगभग 3,84,403 किलोमीटर है और सूरज, पृथ्वी से लगभग 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर दूर है।

चांद पर जीवन की संभावना

पृथ्वी की तुलना में चांद का वातावरण बहुत ही अलग है। चांद पर दिन में तापमान 127 डिग्री सेल्सियस तक रहता है और रात का तापमान लगभग 173 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। चंद्रमा का धरातल असमतल है। चांद पर जमीन बहुत ही ऊबड़-खाबड़ है, कहीं गड्ढे है तो कहीं ऊंचे पर्वत है। चांद में कई जगहों पर बर्फ के रूप में पानी पाया गया है।

अगर चांद नहीं होता तो क्या होता

धरती, चांद के बिना अधूरी है। यदि चांद न होता, तो पृथ्वी का नज़ारा कुछ और ही होता। न चांदनी रातें होतीं, न कवियों की कल्पनाएं होती। रातें और भी अंधेरी और ठंडी होती क्योंकि चांद पर पड़ने वाला सूर्य का प्रकाश और उसकी गर्मी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती। समुद्रों में ज्वार-भटा भी नहीं आता। समुद्री जलधाराओं की दिशाएं जैसी आज है, वैसी नहीं होती। Climate संतुलित नहीं रहता।

अगर चांद पृथ्वी के थोड़ा और करीब या थोड़ा दूर होता तो क्या होता?

चांद की पृथ्वी से दूरी पृथ्वी के लिए एकदम perfect है। Perfect Distance के कारण समुद्र में उठने वाले Tides Regular और balanced रहते है जिससे अनेकों समुद्री जीवों को जीने की अनुकूल परिस्थितियां मिलती है। अगर चंद्रमा पृथ्वी से दूर हो जाए तो समुद्र में उठने वाली tides बंद हो जाएंगी जिससे अनेकों समुद्री जीवों के जीवन पर संकट आ जाएगा।

अगर चंद्रमा धरती के काफी करीब आ जाए तो समुद्र में काफी तेज लहरें उठेगी जिससे Sea Area के आसपास का सारा जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा। इसके अलावा यह हमारे आधे से ज्यादा Sky को ढक लेगा और बहुत विशाल और साफ नजर आएगा।

चांद के धरती के करीब होने से चांद की चमक बहुत तेज होगी जो हमारी Eyes पर और हमारे Atmosphere पर बहुत बुरा असर डालेगी। हमारा Climate चंद्रमा की वजह से ही Balanced और Maintained रहता है।

ऐसा माना जा रहा है कि चांद हर साल पृथ्वी से 3.78 सेंटीमीटर दूर होता जा रहा है। अगर चांद ऐसे ही लगातार दूर होता रहा तो वह पृथ्वी की Gravitational Force और Orbit से दूर होकर Space में कहीं खो जाएगा और धरती पर दिन केवल 6-8 घंटे का रह जाएगा। तब पृथ्वी पर के केवल एक हिस्से के लोग ही चंद्रमा को देख पायेंगे, दूसरे हिस्से के लोग नहीं।

पूरे Universe में चांद को सबसे खूबसूरत ग्रह माना जाता है जिसकी सुंदरता की मिसाले दी जाती है। हर दिन चंद्रमा का आकार घटता और बढ़ता रहता है। पूर्णिमा के दिन चांद की चांदनी दूर-दूर तक हर कोने में फैली होती है वही अमावस्या के दिन चांद अंधकार में डूब जाता है।  

चांद एक ऐसा Planet है, जहां सारी दुनिया के Scientist जीवन ढूंढ रहे है। सभी देश वहां जीवन ढूंढ रहे है। चांद पर जमीन खरीदना तो संभव हो ही गया है, देखना यह है कि Scientist चांद पर रहना कब तक संभव कर पाते है।

आज आपने क्या सिखा

हमें उम्मीद है आपको हमारा ये आर्टिकल Google चांद कितनी दूर है, धरती से । Chand Kitni Door Hai Dharti Se पसंद आया होगा क्युकी यहाँ आपको Google Chand Kitni Door Hai Dharti Se जानने को मिली है. अगर आपको हमारे इस आर्टिकल में आज के मौसम की जानकारी पता चले है तो कृपया हमें Comments में बताये.

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