वर्ण उस मूल ध्वनि के सूक्ष्म रूप को कहा जाता है, जिनके टुकड़े नहीं किए जा सकते हैं अर्थात् विभाजित नहीं किया जा सकता है। सरल शब्दों में कहे, तो बोलते समय हम जिन ध्वनियों का उच्चारण करते हैं उसे वर्ण कहा जाता है और लिखते समय जिस देवनागरी लिपि का प्रयोग किया जाता है उन्हें वर्ण कहा जाता है। जैसे कि क, ग, य, र, ल आदि।
हिन्दी में वर्णों के लिखित रूप को अक्षर के नाम से जाना जाता है तथा मौखिक रूप से वर्णों को धोनी के नाम से जाना जाता है। शब्दों को विभाजित करना या तोड़ना आसान होता है परंतु वर्णों को विभाजित नहीं किया जा सकता है। वनों को हिंदी भाषा देवनागरी लिपि की सबसे छोटी इकाई कहा जाता है और यही कारण है कि इन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता है।
वर्णमाला किसे कहते हैं? (Varnamala kise kahte hai)
वर्णों के समूह को वर्णमाला कहा जाता है। सबसे पहले तो यह जान ले कि किसी भी भाषा को लिखने का उच्चारण करने के लिए वर्णमाला की आवश्यकता पड़ती है। हर भाषा की अपनी वर्णमाला होती है, जिन्हें व्यवस्थित रूप से उच्चारण किया जाता है तथा लिखा जाता है। हिंदी लिपि या देवनागरी लिपि में ध्वनियों के समूह या वर्णों के समूह को वर्णमाला कहा जाता है।
वर्ण के भेद कितने होते है?
मुख्यता वर्णों के दो प्रकार या दो भेद होते हैं जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से बात करेंगे जैसे कि –
- स्वर वर्ण (Vowel)
- व्यंजन वर्ण (Consonant)
स्वर वर्ण किसे कहते हैं?
वैसे अक्षर या वर्ण जिन का उच्चारण करते समय किसी अन्य वर्ण ध्वनि की आवश्यकता नहीं पड़ती है, उन्हें स्वर वर्ण कहा जाता है। सरल शब्दों में कहे तो जिन वर्णों का उच्चारण स्वता किया जाता है यानी अन्य स्वर का इस्तेमाल किए बिना किया जाता है, उन्हें स्वर वर्ण कहते हैं। हिंदी व्याकरण के अनुसार कुल 11 स्वर वर्ण होते हैं, जो कुछ इस तरह है –
जैसे-
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
स्वर वर्ण के प्रकार
व्याकरण के अनुसार स्वर वर्ण भी तीन प्रकार के होते हैं जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से जाने जैसे की –
- हास्व स्वर
- दीर्घ स्वर
- प्लुत स्वर
हास्व स्वर क्या होता है?
हास्व स्वर को एकमात्रिक स्वर भी कहा जाता है दरअसल वैसे सौर्य ध्वनि जिन का उच्चारण करते समय बहुत लगता है उन्हें हास्व स्वर कहते हैं।
जैसे कि – अ, इ, उ, ऋ।
दीर्घ स्वर क्या होता है?
दीर्घ स्वर हास्व स्वर का उल्टा होता है यानी कि जिन स्वर या ध्वनि का उच्चारण करते समय ज्यादा समय लगे या यू कहे तो हास्य स्वर की तुलना में दुगना समय लगे तो उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।
जैसे कि – आ, ई, ऊ, ऐ, ओ, औ।
प्लुत स्वर किसे कहते हैं?
वैसे स्वर या अक्षर जिनका उच्चारण करते समय या बोलते समय ऊपर बताए गए अन्य दोनों स्वरों की तुलना में अधिक समय लगता हो तो, उन्हें प्लुत स्वर कहा जाता है। हालांकि हिंदी विषय में इन स्वरो का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। जी हां इस तरह के स्वर का इस्तेमाल संस्कृत भाषा में किया जाता है।
जैसे कि – ओउम
व्यंजन वर्ण किसे कहते हैं?
जिन वर्णों या अक्षरों का उच्चारण करते समय स्वर वर्ण की सहायता लेनी पड़े, उसे व्यंजन वर्ण कहते हैं। सरल शब्दों में कहें तो उच्चारण करते समय या बोलते समय स्वर वर्णों की आवश्यकता पड़े तो उसे व्यंजन वर्ण कहा जाता हैं। व्यंजन वर्ण को बिना स्वर वर्ण के उच्चारण नहीं किया जा सकता है। हिंदी व्याकरण के अनुसार कुल 36 व्यंजन वर्ण होते हैं।
जैसे कि –
क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ।
व्यंजन वर्ण के प्रकार
हिंदी व्याकरण के अनुसार व्यंजन वर्ण के चार प्रकार होते हैं जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से बात करेंगे जैसे कि –
- स्पर्श व्यंजन
- अंतः स्थ व्यंजन
- उष्म व्यंजन
- संयुक्ताक्षर व्यंजन
स्पर्श व्यंजन किसे कहते हैं?
स्पर्श व्यंजन वैसे व्यंजनों को कहा जाता है, जिसमें किसी भी अक्षर या वर्ण का उच्चारण करते समय मसूड़ा, जीभ, तालु, कंठ, ओष्ठ तथा दंत का प्रयोग होता है अर्थात बोलते समय जीभ इनका स्पर्श करती है। आसान शब्दों में कहे तो जब कभी बोलते समय या किसी अक्षर या शब्द का उच्चारण करते समय जीभ मुंह के अलग-अलग हिस्सों को स्पर्श करती है या टच करती है तो उन्हें स्पर्श व्यंजन कहा जाता है। इतना ही नहीं स्पर्श व्यंजन के भी 5 वर्ग होते हैं जिन्हें हमने नीचे विस्तार से बताया है।
जैसे कि –
क वर्ग – क् ख् ग् घ् ङ्
च वर्ग – च् छ् ज् झ् ञ्
ट वर्ग – ट् ठ् ड् ढ् ण
त वर्ग – त् थ् द् ध् न्
प वर्ग – प फ् ब् भ् म्
अंतः स्थ व्यंजन किसे कहते है?
ऐसे स्वर या अक्षर जिन का उच्चारण करते समय या बोलते समय जीभ मुंह के किसी भी अंग में स्पर्श ना करता हो यानी कि कोई भी शब्द बोलते समय जब जीभ मुंह के किसी भी अंग को ना टच करें तो उन्हें अंतः स्थ व्यंजन कहा जाता है।
जैसे कि – य् र् ल् व्
उष्म व्यंजन किसे कहते है?
वैसे शब्द या अक्षर या वर्ण का उच्चारण करते समय या बोलते समय मुंह में से हवा बाहर निकलती हो उन्हें उष्म व्यंजन कहा जाता है। ऐसे वर्ण का उच्चारण करते समय मुंह से एक प्रकार का उष्मा उत्पन्न होता है।
जैसे कि – श् ष् स् ह्
संयुक्ताक्षर व्यंजन किसे कहते हैं?
संयुक्ताक्षर व्यंजन व्यंजन को कहा जाता है जिसका उच्चारण करते समय या बोलते समय दो या दो से अधिक व्यंजनों का इस्तेमाल किया जाता है यानी कि जब दो या दो से ज्यादा मिलकर कोई अक्षर या वर्ण का उच्चारण किया जाता है उसे संयुक्ताक्षर व्यंजन कहा जाता है।
जैसे कि – क्ष त्र ज्ञ श्र
FAQ
वर्ण किसे कहते हैं?
वर्ण उस मूल ध्वनि के सूक्ष्म रूप को कहा जाता है, जिनके टुकड़े नहीं किए जा सकते हैं अर्थात् विभाजित नहीं किया जा सकता है।
स्वर वर्ण क्या होता है?
वैसे अक्षर या वर्ण जिन का उच्चारण करते समय किसी अन्य वर्ण ध्वनि की आवश्यकता नहीं पड़ती है, उन्हें स्वर वर्ण कहा जाता है।
वर्ण कितने प्रकार के होते हैं?
वर्ण दो तरह के होते हैं स्वर वर्ण और व्यंजन वर्ण।
वर्णमाला किसे कहते हैं?
वर्णों के समूह को वर्णमाला कहा जाता है।
निष्कर्ष
आज का यह लेख वर्ण किसे कहते हैं (Varn kise kahte hai) पर समाप्त होता है आज के इस लेख में हमने वर्ण किसे कहते हैं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है यहां हमें ना केवल वर्ण क्या है बताया बल्कि वर्ण कितने प्रकार के होते हैं तथा वर्णमाला किसे कहते हैं इससे संबंधित भी हमें जानकारी दी है.
उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा यहां दी गई जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी। यदि आप हिंदी भाषा को अच्छी तरह से सीखना और समझना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। इसी के साथ इस लेख को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि और लोगों को भी इसकी जानकारी प्राप्त हो सके।