Agnipath Scheme/yojana 2022: आज देशभर में अग्निपथ योजना को लागू हुए पूरे 5 दिन हो चुके हैं। जी हां आज से ठीक 5 दिन पहले यानी कि 14 जून को तीनों सेना यानी कि एयर फोर्स नेवी और आर्मी के प्रमुखों ने भारतीय सेना में भर्ती को लेकर हुए सबसे बड़े बदलाव का ऐलान किया था। जिसके बाद से ही देश भर में लोग इस योजना का विरोध करते नजर आ रहे हैं। देखते ही देखते अग्निपथ योजना के विरुद्ध लोगों का विरोध और गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बृहस्पतिवार को देशभर के अलग-अलग राज्यों और शहरों में इस योजना के खिलाफ हजारों अभ्यर्थी और लोग सड़कों पर उतर आए और नारेबाजी करनी शुरू कर दी। बाद में जुलूस निकाले गए और देखते ही देखते यह प्रदर्शन काफी उग्र होता गया। यहां तक की विरोध इतना अधिक बढ़ गया कि उत्तर प्रदेश और बिहार से लेकर तेलंगना सहीत करीबन 18 से भी अधिक राज्य से हिंसात्मक घटनाओं की खबरे सुनने को मिल रही है।
सड़कों पर लोग इतने उग्र हो गए हैं, कि इस योजना के विरोध में कहीं रेल फूँकी जा रही है तो कहीं बसों में आग लगाई जा रही है। कई राज्यों में पुलिस चौकी तक जला दी गई है। दरअसल इस योजना को लागू करते ही देशभर के लोग दो पक्षों में विभाजित हो गए हैं। कुछ लोग इस योजना को सकारात्मक तौर पर देख रहे हैं, तो कुछ लोग इस योजना को गलत बता रहे हैं। लेकिन हमारे बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें अग्निपथ योजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। वे तो अब तक यह भी नहीं जानते कि अग्निपथ क्या है और अग्निविर किसे कहते हैं ? आज हम इसी बात पर चर्चा करेंगे और नीचे अग्नीपथ योजना और अग्निविर के बारे में विस्तारपूर्वक जानेंगे और साथ ही क्यों हो रहा है अग्निपथ योजना का विरोध उसके बारे में भी चर्चा करेंगे।
अग्निपथ योजना क्या है – What is Agnipath Scheme in hindi
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14 जून को केंद्र सरकार के रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने भारतीय सेना में भर्ती के लिए एक नई योजना का ऐलान किया जिसका नाम है अग्निपथ योजना। इस योजना के अंतर्गत सरकार तीनों सेनाओं यानी जल सेना, वायु सेना और थल सेना में देश के युवाओं को जोड़ना उन्हें भविष्य के लिए एक कुशल और बेहतर नागरिक बनाना है। जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहां की अग्नीपथ योजना एक ऐसा योजना है, जिसके माध्यम से सेना को युथफूल बनाने में मदद मिलेगी। उनका कहना है, कि फिलहाल सेना में 31 वर्ष या उससे अधिक वर्ष के जवान कार्यत है लेकिन इस योजना के बाद भारतीय सेना में युवाओं की भर्ती अधिक होगी जिससे कि भारतीय सेना अधिक बेहतर हो पाएगा।
इस योजना को लागू करने के बाद तीनों सेनाओं के प्रमुख अध्यक्ष ने इस योजना के कई अनगिनत फायदे गिनाए। जिनमें आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निवीरों को इंश्योरेंस स्कीम के साथ भविष्य में सरकारी नौकरी के अवसर भी भरपूर मिलेंगे। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अग्निपथ योजना का ऐलान करते हुए कहा कि यह योजना भारत की सेनाओं में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। देश की अर्थव्यवस्था यानी कि इंडियन इकोनामी में भी काफी सुधार आएगा और युवाओं का भविष्य भी बेहतर होगा।
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अग्निवीर किसे कहते हैं – What is Agniveer in hindi
अग्नीपथ योजना के अंतर्गत नेवी, एयर फोर्स और इंडियन आर्मी में महज 4 सालों के लिए साढ़े 17 साल से 23 साल के युवाओं को भर्ती किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक आर्मी में सैनिक, नेवी में नाविक और एयर फोर्स में एयरमैन की जो भर्ती होती है वे भर्तियां अब अग्नि पथ योजना के तहत ही होंगी। हालांकि उन्हें पहले मौजूदा रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर में अच्छी तरह से ट्रेन किया जाएगा और फिर उन्हें सैनिक के रूप में भर्ती किया जाएगा। जो लोग सैनिक के रूप में भर्ती होंगे उन्हें अग्निवीर नाम दिया जाएगा।
हालांकि 4 साल सर्विस देने के बाद तकरीबन 75 % सैनिकों को वापस घर भेज दिया जाएगा और 25 % अग्नि वीरों को उनके स्किल और अनुभवों को ध्यान में रखते हुए स्थाई रूप से जवान नियुक्त किया जाएगा। जिसके लिए इन सैनिकों को आवेदन करना होगा। ध्यान रहे यह योजना केवल सैनिको या जवानों के लिए है यानी कि अग्नीपथ योजना अवसरों पर लागू नहीं होता है आसान शब्दों में कहे तो यह योजना खासतौर पर सेवा अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों के लिए है।
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अग्निपथ योजना की क्राइटेरिया क्या है
अग्नीपथ क्या है और अग्निवीर किसे कहते हैं यह जाने के बाद अग्नीपथ योजना की क्राइटेरिया जानना बहुत जरूरी है। भारतीय सरकार द्वारा बहुत ही जल्द अग्निपथ योजना के अंतर्गत अग्निवीर बनने के लिए भर्ती होना शुरू हो जाएगा जिसकी एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया अभ्यर्थियों को जानना बेहद जरूरी है।
- अग्नीपथ योजना के अंतर्गत अग्निवीर बनने के लिए उम्मीदवारों की आयु कम से कम साढ़े 17 साल से 23 साल के बीच होनी बहुत जरूरी है। यदि अभ्यर्थी साढ़े 17 साल से कम आयु का है, तो वह अग्निवीर बनने के लिए आवेदन नहीं कर सकता और ना ही अभ्यार्थी यदि 23 वर्ष से ज्यादा है तो वे भी अग्निवीर के लिए आवेदन नहीं कर सकते हो।
- अग्निवीर बनने के लिए यदि उम्मीदवारों की शिक्षा की यदि बात की जाए तो युवा 12 वीं पास होना चाहिए और वह भी कम से कम 50% नंबर के साथ।
- अग्नीपथ योजना के अंतर्गत अग्निवीर बनने के लिए भर्ती होने वाले युवाओं को करीबन 6 महीना ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद ही वे 4 साल तक सेना में अपनी सर्विस दे पाएंगे।
- अग्निवीर बनने के लिए अभ्यार्थी की ट्रेनिंग मौजूदा रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर में ही होगी जिसके लिए सेंटेंस में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जा रहा है।
- अग्निपथ योजना के अंतर्गत महिला तथा पुरुष (ध्यान रहे सेवा की जरूरत होने पर ही शामिल किया जाएगा) दोनों ही को अग्निवीर बनने का मौका प्रदान किया जाएगा।
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कैसे हो सकते हैं अग्निपथ में भर्ती
जैसा कि हमने पहले भी बताया अग्नीपथ योजना के अंतर्गत साढे 17 साल से 23 वर्ष के युवाओं को सेना में भर्ती के लिए लिया जाएगा। इन युवाओं को तकरीबन 10 हफ्तों से लेकर 6 महीने तक लगातार मौजूदा रेजिमेंट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही साथ इन जवानों को फायर कंट्रोल सिस्टम, हेलोग्राफिक्स और नाइट सिस्टम से लैस किया जाएगा। इसके अलावा इन जवानों को हाथ में हैंडहेल्ड टारगेट सिस्टम भी दी जाएगी। सख्त ट्रेनिंग के बाद ही इन जवानों को 4 साल अपने देश के लिए ड्यूटी करने का मौका मिलेगा।
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अग्निपथ योजना का उद्देश्य क्या है
हालांकि अग्नीपथ योजना देशभर में लागू करने के बाद वर्तमान में देश की स्थिति काफी गंभीर है। देश के तमाम राज्यों और शहरों में इस योजना के विरुद्ध प्रदर्शन की जा रही है, जिसमें लोग भारत बंद करके इस योजना के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। लोग दुकानों को, पुलिस स्टेशंस को तोड़फोड़ कर रहे हैं। सरकारी साधन यानी कि रेल तथा बस को जला रहे हैं और इस योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार का अग्नीपथ योजना लागू करने पीछे कुछ मुख्य उद्देश्य है जिनके बारे में हम नीचे बात करेंगे जैसे कि –
- इस योजना को लागू करने का सबसे मुख्य उद्देश्य है कि वर्तमान समय में देश की सेना की औसत उम्र करीब 32 साल है जिसे कुछ सालों में कम करके 25 से 26 साल करने का प्रयास किया जाएगा जिसके लिए यह कदम उठाने का प्रयास किया गया है।
- सूत्रों की मानें तो यह भी कहा जा रहा है, कि इस योजना को लागू करने के बाद सेना के तीनों क्षेत्रों की युद्ध की तैयारी और भी मजबूत होगी क्योंकि इस योजना के अंतर्गत भर्ती होने वाले सैनिकों की उम्र कम होगी। इस वजह से उनमें जोखिम लेने की अधिक क्षमता होगी।
- इस योजना के अंतर्गत असम राइफल्स की नौकरी में सबसे पहली प्राथमिकता अग्नि वीरों को ही दी जाएगी।
- ऐसे नौजवानों को मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में वरीयता मिलेगी।
- 4 साल पूरा करने के बाद अग्नि वीरों को केंद्र सरकार स्वरोजगार के लिए लोन भी मुहैया करवाएगी।
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अग्निवीरों को कितनी सैलरी दी जाएगी
अग्नीपथ योजना के तहत अग्निविर के प्रतिमाह वेतन की बात करे तो उन्हें पहला साल यानी कि उनका शुरुआती वेतन ₹30,000 होगा लेकिन हाथ में उन्हें केवल ₹21,000 ही मिलेंगे बाकी के 9000 सरकार के समान योगदान फंड में जाएंगे। दूसरे साल इनका वेतन बढ़कर 33,000 हो जाएगा लेकिन जवानों को हाथ में 23,000 रूपए मिलेंगे। नौकरी के तीसरे वर्ष वेतन बढ़ा कर ₹36500 कर दी जाएगी परंतु जवानों को ₹25,580 ही हाथ में दिए जाएंगे।
सर्विस के आखिरी साल यानी कि चौथे साल जवानों का वेतन बढ़ कर ₹40, 000 हो जाएगा लेकिन जवानों को हाथ में महज 28,000 रुपए ही मिलेंगे। 4 साल बाद यानी कि सर्विस खत्म होने के बाद सैनिकों को 10 से 12 लाख रुपए दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक यह पैसा टैक्स फ्री होगा और सरकार द्वारा इन युवाओं को कश्मीर और देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा या यूं कहा जाए तो सरकार द्वारा इन्हें नौकरी प्रदान की जाएगी।
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नियमित जवान और अग्निवीर की सैलरी में क्या अंतर है
अग्निवीर योजना लागू करने से पहले सेना में जवान और अफसरों को सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत वेतन और अन्य विभिन्न सुविधाएं दी जाती थी। जानकारी के मुताबिक सेना के अंदर कुल 17 से भी ज्यादा तरह के पद मौजूद होते हैं, जिनके वेतन अलग-अलग नियम के अनुसार होते हैं। सिपाही सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत लांस नायक और आर्मी के सिपाही को प्रतिमा ₹21,700 जवानों की खाते में ट्रांसफर कर दि जाती है।
इन सबके अतिरिक्त 20 – 30 प्रतिशत उनके वेतन का हिस्सा पीएफ के तौर पर जमा हो जाता है और नियमानुसार समय समय पर इन जवानों को प्रमोशन भी मिलती है। लांस नायक पद के बाद आता है नायक का पद जिनमें जवानों को ₹25,500 कैश इन हैंड दिया जाता है, नयाब सूबेदार को ₹35,400 हवलदार को, ₹29,200, सूबेदार को ₹44,900 और सूबेदार मेजर को ₹47, 600 प्रतिमाह वेतन दि जाती है।
लेकिन यदि बात करें अग्निवीरों की तो उन्हें सर्विस के पहले साल ₹30000 वेतन होगा लेकिन जवानों के हाथ में केवल ₹21000 ही बचेंगे। भारत सरकार द्वारा जारी की गई इस योजना के तहत 4 साल सर्विस के दौरान सैनिकों को अलग-अलग वेतन दिया जाएगा। सर्विस के अंतिम वर्ष सैनिक के हाथ में महज ₹28,000 मिलेंगे इन सबके अलावा 4 साल सर्विस पूरा करने के बाद अग्निवीरों को उनके परफॉर्मेंस के आधार पर भारतीय सेना में नौकरी दी जाएगी और सर्विस खत्म करने के बाद इन सैनिकों को 11 लाख रुपए करीबन धनराशि दी जाएगी जिसका इस्तेमाल वे आपने किसी भी निजी कार्य कर सकते हैं।
अग्निवीर के लिए कैसे निकलेगी भर्तियां कहां कर सकते हैं आवेदन
खबरों की मानें तो अग्नीपथ योजना के तहत अगले 90 दिनों के अंदर 46,000 भर्तियां निकाली जाएंगी जिनमें एयरफोर्स के लिए 35,000, आर्मी के लिए 40,000 और नेवी में जाने के लिए 25,000 भर्तियां होंगी। अभ्यार्थी की योग्यता और अग्निपथ योजना के तहत नियम और शर्तों के अनुसार अग्नि वीरों की भर्ती होगी। अभ्यार्थी भर्तियों के निकलने की जानकारी इन वेबसाइट के जरिए प्राप्त कर सकते हैं –
क्यों हो रहा है अग्नीपथ योजना का विरोध
14 जून को इस योजना के लागू होने के बाद देश भर के कई राज्यों और शहरों में युवा सड़कों पर निकल आए हैं और इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। जी हाँ सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन बिहार और उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है दरअसल सेना में शामिल होने तैयारी कर रहे युवक का कहना है, कि वे सालों साल मेहनत मशक्कत के बाद उन्हें सेना में भर्ती होने का अवसर मिलता है। ऐसे में 4 साल की नौकरी उन्हें मंजूर नहीं है। छात्रों का कहना है कि इस तरह की योजना को वापस लिया जाए। हालांकि सरकार का कहना है, कि इस योजना को लागू करने के बाद देश की सुरक्षा पहले से और अधिक मजबूत होगी।
इसे देश के नौजवानों को मिलिट्री सर्विस देने का मौका मिलेगा और साथ-साथ देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कुछ लोग सरकार द्वारा जारी किए गए इस योजना को सकारात्मक मान रहे हैं, तो कुछ लोग इसे गलत करार दे रहे हैं। रिटायर मेजर जनरल शेओनान सिंह ने बीबीसी संवाददाता से इंटरव्यू के दौरान कहा कि सेना में 4 साल के लिए शामिल होना पर्याप्त नहीं है, क्योंकि 4 साल में 6 महीने तो पहले ही सेना की ट्रेनिंग में निकल जाएंगे क्योंकि इन्फेंट्री में काम करने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है। इसके अलावा छात्रों का यह भी कहना है, कि अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने के बाद यानी कि 4 साल सर्विस देने के बाद उन्हें पेंशन व ग्रेच्युटी आदि नहीं प्रदान की जाएगी जो कि गलत है।
साथ ही साथ उन लोगों का यह भी कहना है कि 4 साल के बाद महज कुछ रुपए देकर उन्हें सेना से निकाल दिया जाएगा उसके बाद उनके पास नौकरी की कोई स्थाई व्यवस्था नहीं होगी। युवाओं का साफ कहना है कि 4 साल के बाद अग्नि वीरों का भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा क्योंकि उनके पास ना तो सही शिक्षा होगी और ना ही कहीं स्थाई नौकरी ऐसे में उन्हें अपना भविष्य अंधेरा दिखाई दे रहा है। साथ ही साथ कुछ लोगों का कहना है कि 4 साल के बाद अग्निवीर गलत दिशा में जा सकते हैं यानी कि वे क्रिमिनल जैसे कार्य में सहयोगी भी बन सकते हैं।
भारत के अलावा अग्निपथ अन्य देशों में पहले से लागू
अग्नीपथ नामक यह योजना भारत में पहली बार लागू किया गया है, जिसके विरोध में देश के कई क्षेत्रों में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। कई जगह पत्थरबाजी जैसी घटनाएं घटी है। हालांकि सरकार का कहना है, कि विदेशों में इस तरह की सेना भर्ती होती।
हालांकि कई ऐसे देश हैं जहां पर कम समय के लिए सेना में भर्तियां होती है। लेकिन इन देशों में सेना में सेवा देना अनिवार्य है और इसके लिए कानून भी बनाए हुए। लेकिन भारत में लागू हुई अग्निपथ योजना इससे बिल्कुल भी अलग है। आइए जानते हैं, कौन कौन से देश ऐसे हैं, जहां अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान है।
साउथ कोरिया
देखा जाए तो इस देश में अनिवार्य सैन्य सेवा का एक बहुत मजबूत सिस्टम बना हुआ है। यहां जो शारीरिक रूप से सक्षम पुरुष होते हैं उन्हें 21 महीने सेना में, 24 महीने वायु सेना में और 23 महीने नौसेना में सर्विस देना जरूरी है। इसके अतिरिक्त ओलंपिक या एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को अनिवार्य सैन्य सेवा करने से छूट मिलती है लेकिन मैडल नहीं लाने वाले खिलाड़ियों को वापस आकर सेना में अपनी सर्विस देना जरूरी है।
स्विजरलैंड
स्विजरलैंड में अनिवार्य सैन्य सेवा तकरीबन 21 सप्ताह लंबी है इसके बाद हर साल अतिरिक्त प्रशिक्षण दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक यहां 18 से 34 साल की आयु के पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है। हालांकि इस देश में अनिवार्य सेना ज्वाइन करने का नियम महिलाओं पर लागू नहीं होता लेकिन वे चाहे तो अपनी मर्जी से भर्ती हो सकती है।
सीरिया
साल 2011 में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने अनिवार्य सैन्य सेवा को 21 महीनों से 18 महीने करने का ऐलान किया था। जानकारी के मुताबिक पुरुषों के लिए सीरिया में सैन्य सेवा अनिवार्य है। सूत्रों के अनुसार सीरिया में जो व्यक्ति सरकारी नौकरी करते हैं, उन्हें सैन्य सेवा करना अनिवार्य है यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी नौकरी जा सकती है। एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि जो लोग अनिवार्य सैन्य सेवा से भागते हैं उन्हें 15 साल के लिए जेल का सामना करना पड़ता है।
नॉर्थ कोरिया
देखा जाए तो सबसे लंबी अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान नॉर्थ कोरिया में है। जी हाँ इस देश में 7 साल तक महिलाओं को और पुरुषों को तकरीबन 11 साल तक सेना में नौकरी करनी पड़ती है।
अग्निपथ योजना Faq (Agneepath yojana/Scheme)
अग्निपथ योजना क्या है ?
अग्निपथ योजना भारत के तीनो विभागों जैसे Air force, Nevey Force, or Army में सेना की भर्ती करने के लिए लायी गयी एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके अंतर्गत भर्ती किये गये जवानो को अग्निवीर का दर्जा दिया जायेगा, और उनका कार्यालय 4 वर्षो का होगा |
क्या महिलाए भी अग्निपथ योजना के लिए पात्र है ?
जी हाँ महिलये भी अग्निपथ योजना के लिए पात्र है, साथ ही उनको भी पुरषों जैसा सामान हक़दार दिया जायेगा |
अग्निपथ योजना में hight कितनी चाहिए ?
अग्निपथ योजना में जवानो का hight 152 सेंटीमीटर से उपर साथ ही छाती 5 सेंटीमीटर तक एक्सपैंड (Agniveer Chest Criteria) होना चाहिए |
अग्निपथ योजना में आवेदन कैसे करे ?
अग्निपथ योजना में आवेदन करने के लिए आपको वही प्रोसेस अपनाना होगा जो पहले था, साथ ही हमने उपर में तीनो सेना के लिए भी डाले है, जिसकी मदद से आप अप्लाई कर सकते है |
अग्निपथ योजना कब से लागु होगी ?
अग्निपथ योजना केंद्र सरकार के अनुसार 14 जून से भर्ती शुरू होगी, साथ जवानो की भर्ती के लिए आयु लिमिट 17 से 21 साल तक की गयी है, लेकिन फिर 23 साल तक कर दिया गया है |
निष्कर्ष
आज का यह लेख हम यहीं पर समाप्त करते हैं। उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह लेख ‘Agnipath Scheme/yojana: अग्निपथ योजना और अग्निवीर क्या है’ अच्छी तरह से समझ आ गया होगा। यदि आपको आज के इस लेख से संबंधित कोई और महत्वपूर्ण जानकारी चाहिए या इस लेख से संबंधित आप हमें कोई राय देना चाहते हैं। तो नीचे कमेंट सेक्शन के जरिए हमें अपनी राय दे सकते हैं, क्योंकि आपकी राय हमारे महत्वपूर्ण है। साथ ही इस लेख को जितना हो सके उतना अधिक शेयर करें, ताकि लोगों को अग्निपथ योजना के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हो सके।