Plasma Therapy in hindi | प्लाज्मा थेरेपी क्या है, यह कैसे काम करती है

COVID -19 महामारी से लड़ने के लिए कई नैदानिक परीक्षण चल रहे हैं और इनमें से एक है प्लाज्मा थेरेपी या कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी (Convalescent Plasma Therapy) (CPT). आखिर प्लाज्मा थेरेपी क्या है, यह कैसे काम करती है, इसका इतिहास और क्या यह COVID-19 के उपचार में सहायक हो सकती है? आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं.

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प्लाज्मा थेरेपी क्या है? (What is plasma therapy in hindi)

प्लाज्मा थेरेपी को मेडिकल साइंस की भाषा में प्लास्माफेरेसिस (plasmapheresis) नाम से जाना जाता है।
प्लाज्मा थेरेपी से तात्पर्य ऐसी प्रक्रिया से है, जिसमें खून के तरल पदार्थ या प्लाज्मा को रक्त कोशिकाओं (blood cells) से अलग किया जाता है।
इसके बाद यदि किसी व्यक्ति के प्लाज्मा में अनहेल्थी टिशू मिलते हैं, तो उसका इलाज समय रहते शुरू किया जाता है।

प्लाज्मा थेरेपी को क्यों किया जाता है? (Purpose of plasma therapy in hindi)

हालांकि, प्लास्माफेरेसिस आधुनिक मेडिकल साइंस की देन है, जिसने काफी सारे लोगों की ज़िदगी को बदल दिया है।
इसके बावजूद, राहत की बात है कि इसे सामान्य स्थितियों में नहीं बल्कि इसे कुछ विशेष उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
अत: प्लाज्मा थेरेपी को मुख्य रूप से इन 5 उद्देश्य के लिए किया जाता है-

  1. संक्रमण का पता लगाना- प्लाज्मा थेरेपी को मुख्य रूप से संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है। चूंकि, काफी सारी बीमारियाँ संक्रमण के द्वारा होती है, इसलिए ऐसी बीमारियों का इलाज करने में प्लाज्मा थेरेपी काफी कारगर उपाय साबित होती है।
  2. डोनर पार्ट का सही तरीके से काम न करना- वर्तमान समय में काफी सारे ट्रांसप्लांट किए जाते हैं, मगर कई बार ये असफल साबित हो जाते हैं।जब ट्रांसप्लांट कराने वाले लोगों के लिए डोनर पार्ट सही तरीके से काम नहीं करता है, तब उन्हें प्लाज्मा थेरेपी सहायता करती है।
  3. खेल में चोट (Sport Injury) लगना- कई बार, खेल में चोट का इलाज करने के लिए फ्लास्माफेरेसिस का सहारा लिया जाता है।
    इस प्रकार, इस थेरेपी को स्पोर्ट्स इंजरी को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।
  4. मायस्थीनिया ग्रेविस का इलाज करना- जब कोई व्यक्ति मायस्थीनिया ग्रोविस (Myasthenia gravis) से पीड़ित होता है, तो उसका इलाज करने के लिए डॉक्टर प्लाज्मा थेरेपी की सहायता करते हैं।
    मायस्थीनिया ग्रोविस से तात्पर्य ऐसी मानसिक बीमारी है, जिसमें लोगों की मांसपेशियाँ कमज़ोर हो जाती हैं।
  5. गुलियन बेरी सिंड्रोम का इलाज करना- अक्सर,प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल गुलियन बेरी सिंड्रोम (Gullian Berry Syndrome) का इलाज करने के लिए भी किया जाता है।
    गुलियन बेरी सिंड्रोम रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करने की बीमारी है, जिसका असर लोगों की सेहत पर पड़ता है और उनके बीमार होने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है।

प्लाज्मा थेरेपी को कैसे किया जाता है? (Procedure of Plasma therapy in hindi)

प्लाज्मा थेरेपी एक दिन की प्रक्रिया है, जिसमें 1-3 घंटे का समय लगता है। इसे काफी सावधानी से किया जाता है, ताकि इसे कराने वाले लोगों को किसी तरह के दर्द या तकलीफ़ महसूस न हो।
इसमें कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स शामिल हैं, जो इस प्रकार हैं-

  • स्टेप 1:सुई को लगाना- प्लाज्मा थेरेपी की शुरूआत सुई लगाकर होती है, जिसमें लोगों की बाँह में लगाया जाता है।
  • स्टेप 2: खून को निकालना- सुई लगाने के बाद खून निकाला जाता है, जिसके लिए अपकेंद्रित मशीन (centrifuge machine) का इस्तेमाल किया जाता है।
  • स्टेप 3:प्लाज्मा का निर्माण या तैयार करना- प्लाज्मा थेरेपी कराने वाले व्यक्ति के शरीर से खून निकालने के बाद डॉक्टर प्लाज्मा का निर्माण या तैयार किया जाता है।
  • स्टेप 4: इंजेक्शन लगाना- जैसे ही प्लाज्मा का निर्माण किया जाता है, तब उसके इंजेक्शन को लोगों के शरीर में डाला जाता है।
  • स्टेप 5: इंजेक्शन वाली जगह को साफ करना- लोगों के शरीर में प्लाज्मा के इंजेक्शन डालने के बाद ही यह प्रक्रिया समाप्त हो जाती है।
    इसके बाद,इंजेक्शन वाली जगह को साफ करने के बाद बैंडेज की जाती है।

विभिन्न परीक्षणों और कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी ता प्लाज्मा थेरेपी से संबंधित अध्ययन

चीन में एक अध्ययन में COVID-19 रोगियों के उपचार में, छोटे नमूने के आकार पर चिकित्सा को प्रभावी पाया गया. अध्ययन में, यह दिया गया कि एक परीक्षण किया गया था जिसमें गंभीर लक्षणों वाले 10 वयस्क COVID-19 रोगियों को 200 ml की खुराक दी गई थी. मरीजों में महत्वपूर्ण सुधार दिखा और सात रोगियों में वायरस बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के गायब भी हो गया. इस चिकित्सा में, बीमार केवल temporary passive immunisation प्राप्त करता है. यह मुख्य रूप से एक सप्ताह से कम समय तक रहता है जब तक कि इन्जेक्टेड एंटीबॉडीज रक्तप्रवाह में रहती हैं.

ह्यूस्टन (Houston) में भी, ये ही परीक्षण किया गया और पाया कि तीन महत्वपूर्ण बीमार COVID-19 मरीजों को भी कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी से ठीक होने के संकेत दिखाई दिए.

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के अनुसार, श्वसन वायरस के साथ पूर्व अनुभव और चीन से सामने आए आंकड़ों से पता चलता है कि प्लाज्मा थेरेपी में गंभीरता को कम करने या COVID-19 के कारण होने वाली बीमारी को कम करने की क्षमता है.

भारत में भी कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी या प्लाज्मा थेरेपी को ट्रायल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. केरल इस चिकित्सा को आजमाने वाला देश का पहला राज्य है. 

चीन, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों ने भी इस चिकित्सा उपचार को इस्तेमाल किया है और ट्रायल चल रहा है. कुछ प्रमुख चिकित्सा पत्रिकाओं का कहना है कि शुरुआती परीक्षण उत्साहजनक हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि पूरा विश्व COVID-19 महामारी के लिए वैक्सीन का इन्तेज़ार कर रहा है और हो सकता है कि प्लाज्मा थेरेपी उपचार में सहायक साबित हो.

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सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’S)

प्लाज्मा थेरेपी के बाद किन चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए?

प्लाज्मा थेरेपी कराने वाले लोगो को कुछ चीज़ों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हें हॉट बाथ, डॉक्टर की सलाह के बिना किसी दवाई का सेवन न करना, नशीले पदार्थों का सेवन न करना इत्यादि चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए।

प्लाज्मा थेरेपी के बाद कौन-सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

जितना यह जानना जरूरी है कि प्लाज्मा थेरेपी के बाद किन चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए, उतना यह जानना भी जरूरी है कि इस थेरेपी के बाद कौन-सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए। इस प्रकार, इस थेरेपी कराने वाले लोगों को धूप के संपर्क में न आना, भारी या मेहनत वाली एक्सराइज़ न करना, स्विमिंग न करना इत्यादि सावधानियाँ बरतनी चाहिए।

क्या पी आर पी थेरेपी से कैंसर फैलता है? Does PRP therapy spread cancer?

Q3.
Ans- हालांकि,अभी तक ऐसा कोई मामला देखने को नहीं मिला है, कि पी आर पी से कैंसर हो।
इसके बावजूद, इसके बाद लोगों को सभी तरह की सावधानियों का पालन करना चाहिए ताकि उन्हें संभावित खतरों से बचा जा सके।

प्लाज्मा थेरेपी कितना कारगर होती है? How effective is plasma therapy?

प्लाज्मा थेरेपी को लेकर अलग-अलग कथन देखने को मिलते हैं।
जहां एक ओर, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि इस थेरेपी का लाभ सभी लोगों को नहीं मिलता है, तो वही दूसरी ओर, कुछ अध्ययनों से स्पष्ट है कि यह थेरेपी कम खतरनाक वाली है।

प्लाज्मा थेरेपी की सफलता दर कितनी है? What is the success rate of plasma therapy?

इस थेरेपी को कराने के 24 हफ्तों बाद लगभग 84 प्रतिशत लोगों में देखा गया है कि उनके दर्द में 25 प्रतिशत कमी आती है।
इस प्रकार, प्लाज्मा थेरेपी सफल प्रक्रिया है, यह कहना गलत नहीं होगा।

क्या पी आर पी के बाद एक्सराइज़ की जा सकती है?

पी आर पी इंजेक्शन लेने के 1 हफ्ते तक लोगों को आराम करना चाहिए। ऐसा करने किसी भी व्यक्ति के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है, इसलिए कुछ समय के लिए उन्हें एक्सराइज़ से परहेज़ करना चाहिए।

चेहरे के लिए प्लाज्मा थेरेपी के कितने सेशन की जरूरत होती है? How many sessions of plasma therapy is required for the face?

लोगों को प्लाज्मा थेरेपी के 4 हफ्ते अंतराल में 3-4 सेशन लेने पड़ सकते हैं। शुरूआती 4 सेशन के बाद डॉक्टर इस थेरेपी को कराने वाले लोगों को 6 महीने से 1 साल तक क्लीनिक पर बुलाते हैं, ताकि इस इलाज को सही तरीके से किया जा सके।

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