Ultrasound क्या होता है? और Ultrasound क्यों करते हैं?

दोस्तों आप सभी ने “Ultrasound” ये Word ज़रूर सुना होगा. पर क्या आपको पता है की Ultrasound क्या होता है? और Ultrasound क्यों करते हैं? इस आर्टिकल को पढने के बाद आप ultrasound की importance जान जायेंगे. आप यह भी जान जायेंगे की ultrasound खाली पेट होता है क्या?

Ultrasound क्या होता है?

जैसे जैसे हमारी दुनिया science और technology में नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है, वैसे वैसे हमें नयी नयी technology देखने को मिल रही है. technology की मदद से Medical science के छेत्र में बहुत तेज़ी से विकास हो रहा है. आज हम ultrasound hindi में जानेंगे.

पहले डॉक्टर्स और वैध मरीज़ की नाडी देख कर बिमारी का अंदाज़ा लगाते थे. लेकिन आजकल आधुनिक मशीनों द्वारा हम शरीर में होने वाली छोटी से छोटी हरकतों के बारे में पता लगा सकते हैं. आज हम इन्ही कुछ आधुनिक मशीनों में से ultrasound मशीन की बात करेंगे.

चलिए अब देखते है की Ultrasound क्या होता है? और Ultrasound के प्रकार क्या क्या हैं.

Ultrasound क्या होता है? – What is Ultrasound in Hindi

Ultrasound को मेडिकल टर्म्स में सोनोग्राफी (Sonography) भी कहते हैं. ultrasound उच्च ध्वनि तरंगो (High Frequency Sound Waves) की मदद से किया जाता है. लेकिन इन उच्च ध्वनि तरंगो को हम सुन नही सकते. ultrasound का यूज़ शरीर के अन्दर के अंग और टिश्यू को बिना किसी ऑपरेशन के बाहर से ही देखने के लिए किया जाता है.

ultrasound या Sonography body स्कैनिंग का एक सुरक्षित तरीका है, जिसमे बिना किसी शारीरिक नुक्सान के हम शारीर के अन्दर के अंगो की फोटो ले सकते हैं.

इसमें Transducer की मदद से उच्च ध्वनि तरंगो को छोड़ा जाता है जिसे हम अपने कानो से नही सुन सकते. जैसे ही ये उच्च ध्वनि तरंगे अन्दर की टिश्यू या अंगो से टकराता है तो ये अन्दर की गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है. और कंप्यूटर सारी जानकरियो और रिकार्ड्स को तस्वीरों के रूप में दिखता है.

ultrasound image

Ultrasound कई प्रकार के होते हैं. लेकिन मुख्यतः ये तीन प्रकार के होते हैं.

Ultrasound के प्रकार – Types of Ultrasound in Hindi

  • External Ultrasound Scan (बाहरी ultrasound Scan)
  • Internal Ultrasound Scan (आंतरिक ultrasound Scan)
  • Endoscopic Ultrasound Scan (एंडोस्कोपिक ultrasound Scan)
  • Color Doppler
  • Bone Sonography
  • 3D Imaging
  • 4D Imaging

चलिए अब Ultrasound के प्रकार को विस्तार से जानते हैं.

External Ultrasound Scan (बाहरी ultrasound Scan)

External Ultrasound Scan

एक बाहरी ultrasound Scan सबसे अधिक बार आपके दिल या आपके गर्भ में पल रहे शिशु की जांच के लिए किया जाता है.

इसका उपयोग पेट और श्रोणि में यकृत, गुर्दे और अन्य अंगों के साथ-साथ अन्य अंगों या ऊतकों की जांच करने के लिए भी किया जा सकता है, जिनका मूल्यांकन त्वचा के माध्यम से किया जा सकता है, जैसे मांसपेशियों और जोड़ों में.

एक छोटा सा probe आपकी त्वचा पर रखा जाती है और शरीर के जिस हिस्से की जांच की जाती है, उसके ऊपर ले जाया जाता है.

जांच को सुचारू रूप से चलने देने के लिए आपकी त्वचा पर एक चिकनाई जेल लगाया जाता है। यह भी जांच और त्वचा के बीच निरंतर संपर्क सुनिश्चित करता है.

Internal or transvaginal ultrasound scan (आंतरिक ultrasound Scan)

Internal or transvaginal ultrasound scan

एक ultrasound scan एक डॉक्टर को प्रोस्टेट ग्रंथि, अंडाशय या गर्भ जैसे अंगों पर शरीर के अंदर अधिक बारीकी से देखने की अनुमति देती है.

एक “transvaginal” ultrasound का अर्थ है “योनि के माध्यम से”। प्रक्रिया के दौरान, आपको या तो अपनी पीठ के बल झुकने के लिए कहा जाएगा, या अपनी तरफ अपने घुटनों के साथ अपनी छाती की ओर खींचा जाएगा.

एक छोटा अल्ट्रासाउंड जांच probe, एक उंगली की तुलना में अधिक बड़ा नहीं है, फिर धीरे से योनि या मलाशय में के रास्ते अन्दर किया जाता है और छवियों को एक मॉनिटर में प्रेषित किया जाता है.

आंतरिक परीक्षाओं में कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन आमतौर पर कोई दर्द नहीं होता है और इसे बहुत लंबा नहीं होना चाहिए.

Endoscopic Ultrasound Scan (एंडोस्कोपिक ultrasound Scan)

Endoscopic Ultrasound Scan

एक एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड स्कैन के दौरान, एक एंडोस्कोप आपके पेट या गुलाल (अन्नप्रणाली) जैसे क्षेत्रों की जांच करने के लिए, आमतौर पर आपके मुंह के माध्यम से आपके शरीर में डाला जाता है.

आपको आमतौर पर आपको एक तरफ झुकने के लिए कहा जाएगा क्योंकि एंडोस्कोप ध्यान से आपके पेट की तरफ नीचे धकेल दिया जाता है.

एंडोस्कोप यंत्र के अंत में एक light और एक अल्ट्रासाउंड उपकरण होता है। एक बार जब यह शरीर में डाला जाता है, तो ध्वनि तरंगों का उपयोग बाहरी अल्ट्रासाउंड की तरह छवियों को बनाने के लिए किया जाता है.

Ultrasound क्यों करते हैं? – Purpose of Ultrasound in Hindi

  1. शारीरिक परिक्षण
  2. गर्भावस्था
  3. पथरी की जाँच
  4. मेडिकल प्रक्रिया
  5. रक्त वाहिकाओं में प्रवाह का मूल्यांकन
  6. थायरॉयड ग्रंथि की जाँच
  7. दिल का अध्ययन
  8. स्तन गांठ का मूल्यांकन
  9. पित्ताशय की थैली रोग की जाँच

Ultrasound से पहले की तैयारी – Preparation Before Ultrasound

Ultrasound की बेहतर जाँच और report के लिए आपको डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह माननी चाहिए. अगर आपको अपने ultrasound की बेहतर report चाहिए तो आपको कुछ सावधानिया बरतनी होंगी.

अगर ultrasound आपके पेट या पाचन तंत्र, लीवर या पिताशाया का हो रहा है तो आपको कुछ घंटो पहले से ही खाने से परहेज करना होगा. इसलिए जब भी आप इनमे से किसी की जाँच के लिए ultrasound करवाए तो कुछ घंटे पहले ही कुछ भी खाने से बचे.

ultrasound करवाने से पहले आपको भरपूर मात्रा में पानी पिने को कहा जा सकता है.

Ultrasound के दौरान – During Ultrasound

ultrasound करते समय मरीज़ को टेबल पर लिटाया जाता है और जिस अंग का ultrasound करना होता है उसको छोड़ कर बाकी अंगो को ढक दिया जाता है.

इसके बाद शरीर के जिस अंग का ultrasound करना है उसपर एक चिकना जेल लगाया जाता है. ये जेल मरीज़ के शरीर और ultrasound स्कैनर probe के बिच अच्छा सम्बन्ध बनाता है.

इसके बाद स्कैनर को जेल पर रख कर शरीर पर इधर उधर घुमाते हैं.

स्कैन कम्पलीट होने के बाद आप उस जेल को साफ़ कर सकते हैं.

अब सभी रिपोर्ट्स को कंप्यूटर में देखा जाता है, और फिर मरीज़ को एक ultrasound की report और सोनोग्राफी (ultrasound फोटो) दे दी जाती है.

Ultrasound के रिस्क और साइड इफेक्ट्स – ultrasound risks or side effects?

Ultrasound स्कैन में ध्वनि तरंगों से कोई ज्ञात जोखिम नहीं है। कुछ अन्य स्कैन के विपरीत, जैसे CT Scan, ultrasound स्कैन में Radiation के संपर्क में नहीं आते हैं।

बाहरी और आंतरिक ultrasound स्कैन का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है और आम तौर पर दर्द रहित होता है, हालांकि आपको कुछ असुविधा का अनुभव हो सकता है क्योंकि जांच आपकी त्वचा पर दबाया जाता है या आपके शरीर में डाला जाता है।

यदि आप एक आंतरिक स्कैन कर रहे हैं और लेटेक्स से एलर्जी है, तो sonographer या डॉक्टर को स्कैन कराने देना ज़रूरी है, ताकि वे लेटेक्स-फ्री जांच कवर का उपयोग कर सकें।

एंडोस्कोपिक ultrasound थोड़ा अधिक असहज हो सकता है और अस्थायी दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है, जैसे कि गले में खराश या सूजन।
आंतरिक रक्तस्राव जैसे अधिक गंभीर जटिलताओं का एक छोटा जोखिम भी है।

Ultrasound कितने का होता है?

Ultrasound स्कैन की कीमतें एक लैब से दूसरी लैब में भिन्न हो सकती हैं। कीमत अल्ट्रासाउंड के प्रकार पर भी निर्भर करती है। नीचे कुछ लोकप्रिय अल्ट्रासाउंड स्कैन के लिए एक avarage मूल्य चार्ट दिया है।

Level 1 Pregnancy UltrasoundINR 800
Level 2 Pregnancy UltrasoundINR 1500
Ultrasound Whole AbdomenINR 500
Ultrasound Upper AbdomenINR 500
Ultrasound Lower AbdomenINR 550
EchocardiographyINR 1500
Ultrasound ObstetricINR 500
Ultrasound ProstateINR 500
Ultrasound PelvisINR 500
Kidney UltrasoundINR 500
Ultrasound Gall BladderINR 500
Breast UltrasoundINR 800
Ultrasound SkullINR 900
Chest UltrasoundINR 800
Testes UltrasoundINR 800
Transvaginal or TVS UltrasoundINR 800
Transabominal or TAS UltrasoundINR 800
Ultrasound Follicular StudyINR 400
Ultrasound KUBINR 500
Thyroid UltrasoundINR 800

Ultrasound कब करवाना चाहिए? – When should an ultrasound be done?

Ultrasound का प्रयोग गर्भावस्था की जाँच, सुजन या दर्द के समय शरीर के अन्दर के अंगो की जाँच में यूज़ क्र सकते हैं. ultrasound की मदद से आप शारीर के अंदर निम्न अंगो को देख सकते हैं.

  • दिमाग
  • लीवर
  • किडनी
  • पिताशय
  • गर्भाशय
  • अंडाशय
  • थायरोइड
  • रक्त नली

दोस्तों हमें उम्मीद है की हमारा ये आर्टिकल Ultrasound क्या होता है? और Ultrasound क्यों करते हैं?आपको बहुत पसंद आया होगा. हम ये सलाह देते है की किसी भी प्रकार के ultrasound जांच करवाने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले ले. आप अपने सुझाव हमें कमेंट्स के माध्यम से ज़रूर दे.

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