आज का यह लेख थोड़ा रोचक होने वाला है, क्योंकि आज के इस post में हम एक ऐसे medical term के बारे में चर्चा करने वाले हैं जिसके बारे में लगभग हम सभी जानते हैं और केवल जानते ही नहीं बल्कि अपने जीवन में कभी ना कभी इस process या term से अवश्य गुजरे भी होगे। दरअसल हम बात कर रहे है एक्स-रे की, जी हां दोस्तों किसी भी व्यक्ति का medical diagnosis करने के लिए X-ray काफी महत्वपूर्ण होता है। खासतौर पर जब मरीज को हड्डियों में दिक्कत हो।
लेकिन हम में से अधिकतर लोगों को X-ray कैसे करते हैं (X-ray kaise karte hai)? X-ray क्या है? तथा एक्स-रे को कैसे देखते हैं या X-ray कितने तरह के होते हैं इस बात की संपूर्ण जानकारी नहीं होती। यदि आप भी X-ray के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे आज के इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें। आइए शुरू करते हैं –
एक्स-रे क्या होता है? (What is an X-ray)
X-ray डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया है जिससे शरीर के अंदर की हड्डियों का हाल जानने के लिए प्रयोग में लिया जाता है। इस प्रोसेस में रोगियों को बिल्कुल भी दर्द नहीं होता है और सबसे अच्छी बात यह है कि यह पूरी तरह से सेफ है यानी कि बिना डरे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
जब भी किसी मरीज की हड्डी टूट जाती है या उससे हड्डियों में तकलीफ की समस्या आती है तो doctor X-ray करके ही मरीज का इलाज कर पाते हैं। X-ray द्वारा न केवल शरीर की हड्डियों की समस्या बल्कि कई और समस्याओं का पता भी लगाया जा सकता है जैसे कि निमोनिया के वक्त फेफड़ों का X-ray करके संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
X-ray को coronary angioplasty के दौरान therapeutic प्रक्रिया में इस्तेमाल में लिया जाता है। इसके माध्यम से surgery के दौरान उपकरण को उस क्षेत्र तक जाने में मदद मिलती है जहां उपचार करना है।
एक्स-रे काम कैसे करता है? (How X-rays work?)
X-ray , radiation किरणों के माध्यम से कार्य करता है। सामान्य प्रकाश की frequency, X-ray किरणों की frequency से काफी कम होती है। X-ray किरणों की frequency अधिक होती है और यही कारण है कि है मानव शरीर के आर-पार निकल जाती है।
X-ray की किरणे शरीर के ठोस पदार्थ जैसे की हड्डियां इत्यादि से टकराकर reflect हो जाती हैं जिनका pattern X-ray sheet में सफेद रंग से नजर आता है।
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X-ray कैसे करते हैं? (X-ray kaise karte hai)
X-ray , professional radiographers द्वारा किया जाता है। यह X-ray machine, computerised टोमोग्राफी (tomography) scanner और ultrasound scanner जैसी image तकनीक को इस्तेमाल करने में प्रशिक्षित होते हैं।
X-ray करवाने के लिए आपको किसी table पर लेटने या फिर समतल जगह पर खड़ा होना होगा। इसके बाद आपके शरीर के जिस भी हिस्से की जांच करनी है उसे X-ray machine और photographic plate के बीच लाना होगा।
जैसे ही X-ray machine से निकलने वाली किरणे photographic plate से टकराती हैं उस पर आपके शरीर का चित्र छप जाता है। इस प्रक्रिया में केवल कुछ सेकंड का समय लगता है। प्राप्त image को computer में software द्वारा save किया जाता है जिससे इसे screen पर देखा जा सके और उपयुक्त जांच की जा सके।
एक्स-रे से होने वाले खतरे (X-ray risks)
लोग अक्सर X-ray के दौरान radiation के संपर्क में आने से घबराते हैं। हालांकि इसमें चिंतित होने की कोई बात नहीं होती, क्योंकि हर व्यक्ति प्राकृतिक radiation के संपर्क में भी आता है। प्राकृतिक radiation को ही background radiation के रूप में जाना जाता है और इसके निम्नलिखित स्त्रोत है –
रेडॉन (Radon): यह साधारण radioactive gas होती हैं जो वायुमंडल में निम्न स्तर पर पाई जाती है।
कॉस्मिक रे (Cosmic rays): इस प्रकार का radiation अंतरिक्ष में सूर्य और तारों से पैदा होता है।
पृथ्वी (The Earth): मिट्टी और चट्टानों में विभिन्न radioactive पदार्थ पाए जाते हैं, यह तब से मौजूद हैं जब से पृथ्वी बनी है। इनके जरिये भी हम लगातर प्राकृतिक radiation के संपर्क में बने रहते हैं क्योंकि निर्माण सामग्री जोकि मिट्टी, चट्टान और पत्थरों इत्यादि भी radiation के स्त्रोत है।
खाना – पानी: बादाम, केला, रेड मीट या आलू इत्यादि में भी थोड़ी मात्रा में radiation पाया जाता है।
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एक्स-रे (x-ray) मशीन
एक्स-रे करने के लिए हॉस्पिटल या क्लीनिक में एक्स-रे मशीन मौजूद होती है, जिसमें मरीजों का एक्स-रे किया जाता है। हालांकि यह एक्स-रे मशीन कई अलग-अलग तरह के होते हैं जिनके अलग-अलग फीचर्स भी होते हैं, जिसके बारे में हम नीचे बात कर रहे हैं। जैसे कि –
एक्स-रे ट्यूब (X-ray tube)
यह एक बहुत बड़े bulb की तरह होता है जो कि high voltage बिजली का इस्तेमाल करके radiation के लिए किरणे पैदा करता है।
एक फोटोग्राफिक प्लेट (Photographic plate)
एक्स-रे (x-ray) द्वारा बनी इमेज जब शरीर से होकर गुजरती हैं तो फोटोग्राफिक प्लेट (Photographic plate) पर उसे capture किया जाता है।
लेड शील्ड (Lead shield)
Lead shield किरणों को सीधा उस अंग तक भेजता है जिसकी जांच करनी है तथा किरणों को अन्य दिशाओं में जाने से रोकता है।
एक्स-रे का उपयोग किसके लिए किया जाता है? (What is an X-ray used for)
मुख्य रूप से हड्डियों से संबंधित समस्याओं का पता लगाने के लिए X-ray इस्तेमाल किया जाता है। आज के समय में एक्सरे इतना advance हो गया है कि यह निम्नलिखित समस्याओं की जांच करने में भी कारगर है –
- फ्रैक्चर और टूटी हड्डियों के लिए
- दांतों की सड़न या दातों में अन्य समस्या के लिए
- हड्डियों का पतला और कमज़ोर होना
- हड्डी में संक्रमण
- रीढ़ का एक असामान्य टेढ़ापन स्कोलियोसिस(scoliosis)
- Bone cancer जैसे कि ऑस्टियोसार्कोमा (osteosarcoma) और इविंग्स सार्कोमा
एक्स-रे के प्रकार (Types of x-ray)
X-ray के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं जो कि शरीर के अलग-अलग अंगों की जांच करने में इस्तेमाल होते हैं। X-ray के निम्नलिखित प्रकार हैं –
बेरियम स्वैलो(Barium swallow)
इसमें आपको contrast medium को घोलकर पीना होता है। इस तरह के X-ray का इस्तेमाल पाचन तंत्र की समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
बेरियम एनीमा (Barium enema)
इस तरह के X-ray का इस्तेमाल आंत की समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
एंजियोग्राफी(Angiography)
इस प्रकार के X-ray में धमनियों की जांच की जाती है। इस तरह से blood vessels में होने वाले blockage का इलाज किया जाता है।
इंट्रावेनस यूरोग्राम (Intravenous urogram-IVU)
इस प्रकार के X-ray में contrast medium को आप की नसों में inject किया जाता है। इस तरह के X-ray का इस्तेमाल urinary system की जांच करने के लिए किया जाता है।
एक्स-रे और गर्भावस्था (X-ray & Pregnancy)
अक्सर गर्भवती महिलाओं को यह सलाह दी जाती है कि वह गर्भावस्था के दौरान X-ray ना करवाएं। X-ray की किरणें अजन्मे में शिशु के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। ऐसे में ultrasound scan जिसमें radiation शामिल नहीं होता, यह करवाने की सलाह दी जाती है।
यदि आपने गर्भावस्था के दौरान भी X-ray करवा लिया है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि एक बार की जांच में X-ray के side effects नहीं देखे गए हैं।
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क्या एक्स-रे से है कैंसर के खतरे (Cancer risk)
आज के समय में कई सारे लोग इस बात से चिंतित रहते हैं कि X-ray किरणों के संपर्क में आने से cancer होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि X-ray की किरणें अत्यंत हानिकारक नहीं होती हैं। इसमें खतरा केवल उतना ही होता है जितना background radiation की किरणों से होता है। इस तरह से एक्सरे radiation द्वारा किसी व्यक्ति को cancer होने का खतरा काफी कम होता है।
क्या X-ray कराना सुरक्षित है?
जी हां बिल्कुल एक्स-रे कराने में कोई समस्या नहीं है यह पूरी तरह से सुरक्षित है और सबसे जरूरी बात इलाज के उद्देश्य से किया जाने वाला X-ray मरीजों के लिए हानिकारक नहीं होता है। लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि अधिक X-ray करवाने से इसके side effects देखे जा सकते हैं। इसका high level radiation मानव शरीर के लिए हानिकारक होता है। इसके खतरे को मापने की unit को मिलीसीवर्स (mSv) कहा जाता है।
FAQ
1 . X-ray कैसे किया जाता है?
Ans – X-ray , professional radiographers द्वारा किया जाता है।
2 . एक्स-रे के कितने प्रकार होते हैं?
Ans – एक्सरे 4 तरह के होते हैं Angiography, Barium swallow, Intravenous urogram-IVU, Barium enema.
3 . एक्स-रे किसे कहते हैं?
Ans – एक्स-रे एक मेडिकल प्रक्रिया है, जिसके जरिए शरीर के अंदर की हड्डियों की जांच की जाती है। यानी यह पता लगाया जाता है, कि हड्डियों में फैक्चर है या नहीं।
निष्कर्ष
आज का यह लेख X-ray कैसे करते हैं (X-ray kaise karte hai) यहीं पर समाप्त होता है। आज के इस लेख में हमें आपको एक्स-रे क्या होता है, एक्स-रे कितने तरह के होते हैं, एक्स-रे से होने वाले खतरे तथा एक्स-रे कैसे करते हैं आदि के बारे में पूर्ण जानकारी दी है।
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