क्या आप जानते हैं कि एड्स (Aids) क्या है या एड्स (Aids) का फुल फॉर्म क्या होता है ? यदि नहीं तो इस पोस्ट को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें, क्योंकि आज के इस पोस्ट में हम एड्स (Aids) तथा एचआईवी (HIV) से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार पूर्वक बताने वाले हैं। जैसे कि एचआईवी (HIV) क्या है, एड्स (Aids) होने का कारण क्या होता है? एड्स (Aids) से बचा कैसे जा सकता है इत्यादि। दोस्तों यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में आज भी लोगों को संपूर्ण जानकारी नहीं है।
कुछ लोगों का मानना है, कि यह एक गंभीर बीमारी है जो कि एड्स (Aids) से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से फैलता है। लेकिन यह सच नहीं है, इसके बारे में हम नीचे आपको विस्तार से बताएंगे की अखिर यह गंभीर बीमारी फैलती कैसे है।
यह बीमारी आज से करीब तीन दशक पहले आया था, जब लोगों को इसके बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी। हालांकि आज भी जागरूकता की कमी है लेकिन हर साल एड्स (Aids) दिवस के अवसर पर लोगों बीच जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं ताकि लोगों को इस बीमारी का सही ज्ञान हो सके।
गणना के अनुसार भारत में पिछले साल करीब 17 लाख से भी ज्यादा लोग एचआईवी (HIV) पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मामला आंध्रप्रदेश में देखने को मिला है। उत्तर प्रदेश में भी करीब 1.10 से भी ज्यादा एचआईवी (HIV) संक्रमित लोग पाए गए हैं। जागरूकता की कमी से यह बीमारी दिन पर दिन बढ़ता जाता रहा है। इसलिए हम यहां आपको इस बीमारी के बारे मे details में बताएँगे। तो चलिए शुरू ka
Aids क्या है ?
एड्स (Aids) एक प्रकार का घातक बीमारी है, जिसकी वजह से व्यक्ति के शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र लगभग समाप्त हो जाता है और व्यक्ती की स्थिति दिन प्रतिदिन गंभीर होते जाती है। जो व्यक्ति एड्स (Aids) जैसी घातक बीमारी से पीड़ित होते हैं उनके शरीर में CD4 सेल्स यह कोशिकाएं धीरे-धीरे कम होनी शुरू हो जाती है। रिसर्च के अनुसार यह पता लगा है, कि एक स्वस्थ व्यस्क इंसान के शरीर में करीबन 500 से 1600 पर क्यूबिक मिलीमीटर CD4 कोशिकाएं मौजूद होती है।
लेकिन जब कोई व्यक्ति एड्स (Aids) जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होता है, तब उनके शरीर में CD4 कोशिकाओं का स्तर निरंतर कम होता जाता है। रिसर्च के अनुसार ऐसे व्यक्ति के शरीर में CD4 कोशिकाओं का स्तर 200 पर क्यूबिक मिलीमीटर हो जाता है। आमतौर पर लोगों की सोच होती है, कि एड्स (Aids) का कारण केवल एचआईवी (HIV) होता है। जिसके बारे मे हम नीचे विस्तार से जानेंगे, लेकिन सच तो यह है कि एड्स (Aids) का कारण केवल एचआईवी (HIV) नहीं होता बल्कि कई बीमारियों में एड्स (Aids) होने की संभावना होती है।
यह एक ऐसी बीमारी है, जिसकी वजह से शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है और शरीर बीमारियों से लड़ने में पूरी तरह से असमर्थ हो जाता है। जानकारी के अनुसार यदि कोई व्यक्ति कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है तब भी उसके शरीर में एड्स (Aids) हो सकता है और उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर हो सकती है तथा उसकी स्थिति काफी दुर्लभ हो सकती है। वर्तमान में एड्स (Aids) जैसी घातक बीमारी का कोई इलाज नहीं है, कोई विशेषज्ञ आज तक एड्स (Aids) जैसी बीमारी का इलाज नहीं पता लगा सके हैं।
आंकड़ों के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति के शरीर में एड्स (Aids) का पता सही समय पर ना चल सके या उस व्यक्ति को किसी भी तरह का मेडिकल थेरेपी ना दिया जाए तो उस व्यक्ति की जिंदा रहने के चांसेस केवल 2 से 3 साल ही रह जाते हैं और यदि व्यक्ति को पहले ही कोई गंभीर बीमारी है तो उस व्यक्ति के बचने के चांसेस और भी कम हो जाते हैं।
HIV किसे कहते है ?
एचआईवी (HIV) इसका पूरा नाम ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (Human immunodeficiency virus) होता है। यह एक ऐसा वायरस होता है, जो यदि किसी व्यक्ति में चला जाए तो उसकी इम्यून सिस्टम को धीरे धीरे कम कर देता है और साथ ही साथ शरीर में मौजूद CD4 कोशिकाओं को बुरी तरह से नष्ट करने का कार्य करता है। जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि CD4 कोशिकाओं को T सेल या T कोशिका भी कहते हैं जो कि एक तरह का प्रतिरक्षा कोशिका होता है।
एचआईवी वायरस (HIV) यदि किसी के शरीर में चला जाए और यदि सही समय पर उस व्यक्ति का इलाज शुरु ना हो तो वायरस अंतिम स्टेज में जाकर Aids का कारण बन जाता है। हालांकि इस वायरस का कोई खास इलाज नहीं है इसलिए कह सकते हैं, कि यदि कोई व्यक्ति एचआईवी (HIV) पॉजिटिव निकल जाए तो उसे इससे छुटकारा नहीं मिल सकता हाँ लेकिन वह व्यक्ति इलाज के वजह से लंबी जिंदगी जरूर जी सकता है।
यह वायरस सीधा व्यक्ति की इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है जिसकी वजह से व्यक्ति का शरीर दिन प्रतिदिन कमजोर होने लगता है और जिसके वजह से शरीर में कोई दूसरी गंभीर बीमारी होने की संभावना उत्पन्न होती है। जैसे जैसे व्यक्ति के शरीर में मौजूद एचआईवी वायरस CD4 या प्रतिरक्षा कोशिकाओं को नष्ट करता जाता है, वैसे वैसे शरीर अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आना शुरू हो जाता है।
AIDS का फुल फॉर्म क्या है? Aids full form in Hindi
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एड्स (Aids) (Aids) का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (Acquired immunodeficiency virus) होता है, जो कि एक गंभीर बीमारी है जिसका इलाज वर्तमान में भी नहीं खोजा जा सका है। यह बीमारी खासतौर पर शरीर में एचआईवी (HIV) वायरस आने के कारण उत्पन्न होता है। यदि किसी व्यक्ति को एड्स (Aids) जैसी गंभीर बीमारी हो जाए तो उस व्यक्ति का बच पाना नामुमकिन होता है क्योंकि उस व्यक्ति के शरीर की इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाती है और उस व्यक्ति का शरीर किसी भी बीमारी से लड़ पाने में असमर्थ होता है।
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Aids और HIV के बीच संबंध
जानकारी के अभाव में आज भी बहुत से लोग हमारे बीच ऐसे हैं, जिन्हें एड्स (Aids) और एचआईवी (HIV) के बीच का फर्क समझ नहीं आ पाता है। कुछ लोगों को लगता है एड्स (Aids) ही एचआईवी (HIV) है, तो कुछ लोगों को लगता है यह दोनों अलग-अलग बीमारियां हैं। आज हम आपको यहां एड्स (Aids) और एचआईवी (HIV) के बीच संबंध के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं। इसलिए जिन लोगों को इन दोनों के बीच का फर्क नहीं पता है, वह नीचे बताई गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
विशेषज्ञों के अनुसार एड्स (Aids) जैसी गंभीर बीमारी किसी भी व्यक्ति को तभी हो सकती है जब वह व्यक्ति पहले से ही एचआईवी (HIV) इंफेक्शन से ग्रसित हो यानी एचआईवी (HIV) पॉजिटिव हो। लेकिन एचआईवी (HIV) पॉजिटिव व्यक्ति को Aids जैसी गंभीर बीमारी हो यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है। आइए इसे और थोड़ा विस्तार से समझते हैं, जानकारी के अनुसार एचआईवी (HIV) का विकास व्यक्ति के शरीर में मुख्यता 3 अलग अलग स्टेज में होता है जो कि कुछ इस तरह है –
1st स्टेज
सबसे पहला स्टेज काफी तीव्र स्टेज होता है, इस स्टेज में शरीर में वायरस का संचारन के बाद पहले कुछ हफ्तों में होती है।
2nd स्टेज
सेकंड स्टेज नैदानिक विलंबता या पुरानी stage होती है। इस स्टेज में भी इलाज सम्भव है।
3rd स्टेज
तीसरे स्टेज जिसे अंतिम स्टेज भी कहते हैं। यदि पहले या या दूसरे स्टेज में एचआईवी (HIV) पॉजिटिव व्यक्ति का इलाज न किया जाए या उसकी बीमारी का पता नहीं लगाया जा सके तो व्यक्ति एड्स (Aids) से पीड़ित हो सकता है।
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Aids के लक्षण
एड्स (Aids) जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षण के बारे में लोगों को जागरूक होना बहुत जरूरी है। जब व्यक्ति के शरीर में एचआईवी (HIV) संक्रमण फैलना शुरू होता है, तब कुछ लोगों में इसके लक्षण कई महीनों तक दिखाई नहीं देते हैं और कुछ लोगों में तो सालों साल तक इस वायरस के लक्षण दिखाई ही नहीं देते हैं।
हालांकि रिसर्च के अनुसार 80% लोगों में एचआईवी (HIV) के शुरुआती लक्षण सामान्य फ्लू के जैसे ही दिखाई देते हैं, जो कि वायरस इनफेक्टेड होने के दो-तीन हफ्तों के बाद ही व्यक्ति में दिखने शुरू हो जाते हैं। एचआईवी (HIV) संक्रमण से इनफेक्टेड लोगों में कुछ सामान्य और प्रारंभिक लक्षण इस तरह से होते हैं। जैसे कि –
- अचानक से जोड़ों में दर्द
- बुखार आना
- ठंड लगना
- मांसपेशियों में दर्द
- पसीना खासतौर पर रात के समय
- गले में खराश
- शरीर में लाल चकत्ते हो जाना
- ग्रंथियां बढ़ जाना
- दुर्लभता या कमजोरी
- अत्यधिक थकान महसूस होना
- अचानक से वजन घटना
- शरीर में छाले हो जाना
- अचानक से याददाश्त कमजोर हो जाना
- डिप्रेशन की स्थिति उत्पन्न होना
- प्रतिरक्षा प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर होते जाना
- लंबे समय तक डायरिया की स्थिति बने रहना
- दस्त की समस्या से परेशान रहना
नोट : सबसे जरूरी बात यहां पर यह है, कि ऊपर बताए गए यह सभी लक्षण व्यक्ति में तब दिखाई देते हैं, जब व्यक्ति ना केवल एचआईवी (HIV) पॉजिटिव हो बल्कि वह कई अलग-अलग वायरस से लड़ रहा हो। अगर लोगों में ऊपर बताए गए लक्षणों में से कुछ लक्षण या सभी लक्षण दिखाई दे रहे हैं या उन्हें महसूस हो रहे हैं तो उन्हें फौरन ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि यह लक्षण एचआईवी (HIV) पॉजिटिव के हैं इसलिए उन्हें तुरंत एचआईवी (HIV) टेस्ट कराना चाहिए और अच्छे डॉक्टर से कंसल्ट करनी चाहिए।
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Aids कैसे फैलता है ?
जागरूकता की कमी के कारण आज भी लोगों को सही जानकारी नहीं है, कि आखिर एड्स (Aids) जैसी घातक बीमारी कैसे फैलती है। कुछ लोग समझते हैं, कि हाथ मिलाने या गले लगने से इस तरह की बीमारी दूसरों में फैल जाती है। लेकिन सच तो यह है, कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता। नीचे हम Adis जैसी जानलेवा बीमारी कैसे फैलती है –
असुरक्षित यौन संबंधों के कारण
जैसा कि ऊपर बताया गया है, कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जो एचआईवी (HIV) संक्रमण से इनफेक्टेड है उसके सीमेन, ब्लड तथा वेजाइनल फ्लुड में एचआईवी (HIV) वायरस पाया जाता है। ऐसे में यदि वह असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करें, तो एचआईवी (HIV) संक्रमण फैलने के चांसेस और भी तीव्र हो जाते हैं।
खून की वजह से
यदि कोई इंसान एचआईवी (HIV) संक्रमण से इनफेक्टेड है और वह इंसान ब्लड डोनेट करता है यानी उसके द्वारा डोनेट किया गया ब्लड यदि किसी नॉर्मल व्यक्ति के शरीर में चढ़ाया जाए तो नॉर्मल व्यक्ति भी एचआईवी (HIV) संक्रमित हो जाएगा।
स्तनपान के जरिए
यदि कोई महिला एचआईवी (HIV) संक्रमण से पीड़ित है और यदि वह अपने शिशु को स्तनपान कराती है, तो शिशु भी एचआईवी (HIV) संक्रमण से इनफेक्टेड हो जाएगा।
सीमेन या वीर्य के कारण
एचआईवी (HIV) संक्रमण से पीड़ित व्यक्ती का सीमेन यदि किसी सामान्य महिला के शरीर में जाता है, तो ऐसे में उस महिला को भी एचआईवी (HIV) संक्रमण होने की संभावना होती है।
योनि या वेजाइनल तरल के जरिए
यदि कोई महिला एचआईवी (HIV) संक्रमण से पीड़ित है तो उनके योनि में पाए जाने वाले सफेद तरल पदार्थ में भी एचआईवी (HIV) मौजूद होता है। ऐसे में जब पीड़ित महिला किसी भी पुरुष के साथ संबंध बनाती है, तो उस पुरुष में भी एचआईवी (HIV) वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
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Aids से बचाव
एड्स (Aids) जैसी घातक बीमारी से बचना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह बीमारी एक जानलेवा बीमारी है और इस बीमारी का इलाज अब तक संभव नहीं हो पाया है। इसलिए लोगों में जागरूकता की जरूरत है और लोगों को इस बात की जानकारी होना भी जरूरी है, कि इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है। नीचे हम कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिससे आप ऐसी बीमारी से बच सकते हैं। जैसे कि-
- साफ-सुथरी सुई या injection का इस्तेमाल करें। जी हां कभी भी आप इंजेक्शन लेने के लिए या ब्लड टेस्ट कराने के लिए मेडिकल जाते हैं, तो ध्यान रखें सुई या सिरेंज बिल्कुल नई हो, किसी का द्वारा इस्तेमाल किया गया सुई या सिरेंज ना हो।
- यदि इमरजेंसी में आपको रक्त की आवश्यकता है, तो किसी भी अनजान व्यक्ति से रक्त ना ले और रक्त लेने से पहले हमेशा उस व्यक्ति की एचआईवी (HIV) जांच जरूर कर ले।
- यदि कभी भी सैलून जाए तो बाल कटवाने या शेविंग के लिए नए ब्लेड का इस्तेमाल करें। इस्तेमाल किए गए ब्लेड का इस्तेमाल कभी भी ना करें।
- यदि कोई गर्भवती महिला एचआईवी (HIV) पॉजिटिव है, तो वे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इससे आप अपने बच्चे को एचआईवी (HIV) पॉजिटिव होने से बचा सकते हैं।
- एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध ना बनाएं, कोशिश करें कि एक ही साथी के साथ संबंध बनाएं। अलग अलग लोग के साथ संबंध बनाने से एचआईवी (HIV) का खतरा अधिक होता है।
- कभी भी वैजिनल या अनल सेक्स करें तो कंडोम का इस्तेमाल करें, क्योंकि सीनेम में एचआईवी (HIV) वायरस पाया जाता है। ऐसे में यह वायरस एक साथी से दूसरे में संचालित हो सकता है।
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Aids के निदान के लिए test
एचआईवी (HIV) पॉजिटिव लोगों के निदान के लिए वर्तमान में कई सारे टेस्ट मौजूद है। जिनका इस्तेमाल करके आसानी से यह पता लगाया जा सकता है, कि व्यक्ति एचआईवी (HIV) संक्रमण से इनफेक्टेड है या नहीं यह टेस्ट डॉक्टर द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। सबसे पहले जब डॉक्टर अपने पेशेंट को चेक करता है, तब वह डिसाइड करता है कि पेशेंट को कौन से टेस्ट कराने चाहिए। नीचे हम कुछ टेस्ट के नाम बता रहे हैं, जिसकी मदद से यह पता लगाया जा सकता है, कि व्यक्ति एचआईवी (HIV) पॉजिटिव है या नहीं।
एंटीबॉडी टेस्ट
यह टेस्ट व्यक्ति की पूरी बॉडी के ब्लड की जांच करता है। शरीर में संक्रमण संचालन के बाद करीब 23 से 90 दिनों के अंदर शरीर में एचआईवी (HIV) एंटीबॉडी विकसित होना शुरू हो जाता है, जो कि व्यक्ति के ब्लड या लार में पाए जाते हैं।
न्यूक्लिक एसिड टेस्ट
न्यूक्लिक एसिड टेस्ट सामान्य स्क्रीनिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह टेस्ट काफी महंगा होता है, यह खासतौर पर उन लोगों के लिए होता है जिनमें एचआईवी (HIV) की शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं। इस टेस्ट के मदद से एंटीबॉडी सर्च नहीं किए जाते हैं बल्कि इस टेस्ट के माध्यम से शरीर में वायरस तलाश किए जाते हैं। इस टेस्ट की मदद से ब्लड में 5 से 21 दिन के अंदर एचआईवी (HIV) का पता लगाया जाता है।
एंटीबॉडी/एंटीजन टेस्ट
इस टेस्ट का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है। शुरुआती समय में ही शरीर में एचआईवी (HIV) संचालन होने के बाद करीब 18 से 45 दिनों के अंदर इसका रिजल्ट दिखाई दे देता है।
FAQ
Aids का full form क्या है ?
एड्स (Aids) (Aids) का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (Acquired immunodeficiency virus) होता है।
Aids किन कारणों से फैलता है ?
जब कोई सामन्य व्यक्ती एचआईवी (HIV) संक्रमण से इनफेक्टेड व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाता है या एचआईवी पीड़ित का ब्लड एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में चढ़ाया जाता है तो यह बीमारी एक दूसरे में फैलती है
Aids की शुरुआत कब हुई ?
19वीं शताब्दी में एड्स (Aids) की शुरुआत हुई थी उस समय कई वैज्ञानिकों का यह मानना था कि यह वायरस चिंपांजी से इंसानों में आया है।
Aids दिवस कब मनाया जाता है ?
हर साल 1 दिसंबर को विश्व भर में एड्स (Aids) दिवस मनाया जाता है और लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाता है ताकि लोग इस बीमारी से जागरूक हो सके।
निष्कर्ष
‘Aids full form in Hindi’ नामक यह लेख यही पर समाप्त होता है। दोस्तो आज का यह लेख बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण लेख था, क्योंकि आज हमने इस लेख में एड्स (Aids) और एचआईवी (HIV) से जुड़े सभी तरह की जानकारी प्रस्तुत करने की पूरी कोशिश की है। उम्मीद करते हैं, कि आपको हमारे द्वारा बताई गई यह जानकारी पसंद आई होगी और साथ ही साथ आपको आज के इस पोस्ट से काफी कुछ नया जानने और सीखने को मिला होगा।
दोस्तों यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में वर्तमान में हर कोई को जानना बहुत जरूरी है और इसी वजह से हर साल एड्स (Aids) दिवस मनाया जाता है और लोगों के बीच इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है, क्योंकि यह बीमारी जानलेवा है और इसके बारे में हर एक व्यक्ति को जानकार होना अति आवश्यक है। इसलिए आपसे निवेदन है, कि आप इस पोस्ट को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि उन तमाम लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूकता हो सके जिन्हें इसके बारे में सही ज्ञान नहीं है।