100+ Short Stories in Hindi with Moral for Kids

Hindi short stories with moral for Kids : बच्चों को सबसे ज्यादा पसंद आने वाली चीज होती है कहानियां, खास तौर पर रात में सोते समय उन्हें कहानियां सुनकर सोना ज्यादा पसंद आता। पुराने समय से ही गुरु अपने शिष्य को कहानी के जरिए जीवन जीने की सीख देते थे और यह सिलसिला वर्तमान में भी चला रहा है। घर से लेकर स्कूल तक बच्चों को मोरल स्टोरीज (Hindi Short Stories) सुनाई जाती है ताकि वे भविष्य में एक बेहतर इंसान बन सके, उनसे उन्हें प्रेरणा प्राप्त हो और उन्हें कुछ नहीं सीख मिले।

Short Stories in Hindi for Kids

Short Stories in Hindi with Moral for Kids

यहां नीचे हम कुछ प्रेरणादाई Hindi Short Stories प्रस्तुत कर रहे हैं जो बच्चों के लिए बेहतरीन स्टोरी साबित होगी यह स्टोरीज खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए ही लिखी गई है ताकि उनके मनोरंजन के साथ-साथ कोई अच्छी सीख Short Inspirational Stories in Hindi भी मिल सके। 

लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी – Short Hindi Story with Moral

Short Stories in Hindi with Moral for Kids 1

एक गांव में एक लकड़हारा रहता था, जो पास के ही एक जंगल में रोजाना लकड़ियां काटने जाया करता था। लकड़ियां काट कर वह गांव के समीप एक बाजार में उसे बेचा करता था ताकि वे अपने परिवार का सही से पालन पोषण कर सकें। लेकिन एक दिन जब वह जंगल में लकड़ियां काट रहा था तभी अचानक उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई। नदी बहुत ज्यादा गहरी होने की वजह से लकड़हारा के काफी प्रयास करने के बावजूद कुल्हाड़ी नहीं मिल सकी। 

कुल्हाड़ी नहीं मिलने की वजह से लकड़हारा उदास होकर नदी किनारे बैठ गया और जोर जोर से रोने लगा उसके रोने की आवाज सुनकर नदी से एक  खूबसूरत जल परी बाहर निकल कर आती है और लकड़हारे से पूछती है कि वह इतनी जोर जोर से रो क्यों रहा है? लकड़हारा ने जलपरी को अपनी पूरी दुख भरी घटना सुनाई। यह सुनकर परी को लकड़हारे पर काफी अफसोस हुआ और उसने उसकी मदद करने की सोची। जलपरी ने फौरन ही अपनी जादू से लकड़हारे को सोने की बनी एक सुनहरी कुल्हाड़ी की पेशकश की लेकिन लकड़हारे ने उस कुल्हाड़ी को लेने से मना कर दिया। उसने जलपरी से कहा कि यह कुल्हाड़ी उसकी नहीं है इसलिए वह नहीं ले सकता है। 

जिसके बाद जलपरी ने उसे चांदी से बनी कुल्हाड़ी की पेशकश की लेकिन लकड़हारा चांदी से बने कुल्हाड़ी को भी लेने से मना कर दिया उसने कहा कि यह कुल्हाड़ी भी  उसकी नहीं है।  जिसके बाद जलपरी ने लकड़हारे को लकड़ी की बनी कुल्हाड़ी की पेशकश की, इस  कुल्हाड़ी को देखकर लकड़हारा मुस्कुराया और कहा कि यह उसकी ही कुल्हाड़ी है। इस बात से प्रभावित होकर जलपरी ने लकड़हारे को सोने और चांदी दोनों की कुल्हाड़ी भेंट की। 

Moral: अंतत इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। और सदा ईमानदार रहना चाहिए, क्योंकि ईमानदारी से ही अच्छा फल मिलता है।


कछुआ और बगुला – Short Animal Stories in Hindi

Short Stories in Hindi with Moral for Kids 2

जंगल के बीचो – बीच एक तालाब था जहां काफी संख्या में मछलियां रहती थी, इन्हीं मछलियों का शिकार करने के लिए नदी किनारे हमेशा दो बगुला आया करते थे। उस तलाब में एक कछुआ भी रहता था, कछुआ और बगुला के बीच काफी अच्छी दोस्ती थी वे तीनों आपस में काफी मस्ती किया करते थे। लेकिन एक समय ऐसा आया जब आसपास के सभी तलाब सूखने लगे। तालाब सूखने की वजह से तालाब में रहने वाली मछलियां भी मरने लगी, जिस वजह से बगुले ने भी अन्य पक्षियों के साथ दूसरी जगह जाने का निर्णय लिया। 

उन दोनों की जाने की बात सुनकर कछुए ने भी उनके  साथ चलने के लिए कहा। हालांकि बगुले भी कछुए को छोड़कर जाना नहीं चाहते थे लेकिन समस्या यह थी कि कछुआ उड़ नहीं सकता था जिस वजह से वे उन्हें साथ नहीं लेकर जा सकते थे।  कछुआ ने इस बारे में काफी सोचा और फिर उसने एक योजना बनाई उसने बगुले से कहा कि, मानता हूं कि  मैं उड़ नहीं सकता लेकिन तुम दोनों तो उड़ सकते हो इसलिए तुम कहीं से भी एक मजबूत डंडी लाओ।  उस डंडी के दोनों सिरों को तुम दोनों अपनी चोंच से पकड़ कर रखना और मैं उस डंडी को बीच से पकड़ कर लटक जाऊंगा इस प्रकार से मैं भी तुम्हारे साथ जा सकूंगा और हम तीनों साथ में अपनी जान बचा लेंगे।  

बगुले को भी कछुए की यह योजना काफी पसंद आई और वे एक साथ चलने की तैयारी में जुट गए। सफर शुरू करने से पहले बगुले ने  कछुए को सावधान किया उसने कहा कि हम तुम्हें अपने साथ ले जाएंगे लेकिन हमारी एक शर्त है कि तुम रास्ते में अपना मुंह मत खोलना। दरअसल कछुए को बात करने की बहुत आदत थी इसलिए उसके लिए चुप रहना काफी मुश्किल था। बगुले ने कछुए को सख्ती से कहा कि यदि तुम गलती से भी अपना मुंह खोलो गे तो नीचे गिर कर मर जाओगे।  इस पर कछुआ बोला घबराओ मत मैं कभी भी ऐसी मूर्खता नहीं करूंगा। 

बगुले ने डंडी के दोनों किनारों को अपनी चोंच से कस कर दबा लिया।  कछुआ डंडी को अपने मुंह से पकड़ कर बीच में लटक गया। काफी दूर उड़ने के बाद वे एक नगर के ऊपर से गुजरे जहां सड़कों पर जमी भीड़ को देखकर कछुए से रहा नहीं गया दरअसल उसने यह नज़रा अपनी जिंदगी में पहली बार देखा था। इसलिए कछुए ने जैसे ही बोलने के लिए अपना मुँह खोला की वह धड़ाम से जमीन में गिर गया और वही मर गया। 

Moral: अंतत इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है कि हमें बेवजह बक-बक नहीं करनी चाहिए।  हमें हमेशा सोच समझकर ही बोलना चाहिए और दूसरों की बातों पर अमल करना चाहिए।


कबूतर और चींटी – Moral Stories in Hindi in Short

Short Stories in Hindi with Moral for Kids 3

गर्मी का समय था सूर्य की तपिश से धरती जल रहा था और इस भीषण गर्मी में एक चींटी पानी की तलाश कर रही थी। काफी देर घूमने के बाद उसे दूर कहीं एक नदी दिखाई पड़ी जिसे देखकर वे काफी खुश हुई, उसने अपनी रफ्तार बढ़ाई और फौरन ही नदी किनारे पहुंच गई। पानी पीने के लिए चींटी नदी किनारे एक छोटी सी चट्टान पर चढ़ गई लेकिन पानी के वजह से चट्टान पर फिसलन काफी थी जिस वजह से चींटी फिसल कर नदी में गिर गई। पानी का बहाव अधिक होने की वजह से चींटी पानी में डूबते जा रही थी और यह सारा नजारा पास के एक पेड़ पर बैठे कबूतर देख रहा था। 

चींटी को इस तरह संकट में देखकर कबूतर से रहा नहीं गया उसने फौरन ही पेड़ से एक पत्ता तोड़ा और पानी में गिरा दिया। चींटी तुरंत पत्ते पर चढ़ गई फिर कबूतर ने उस पत्ते को ध्यान से उठाकर जमीन पर रख दिया।  इस तरह चींटी की जान बच गई और वह कबूतर कि हमेशा के लिए कर्जदार हो गई। हालांकि इस घटना के बाद चींटी और कबूतर बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वे दोनों साथ में काफी समय बिताया करते थे, लेकिन एक दिन अचानक से जंगल में शिकारि पहुंच गया, शिकारियों ने पेड़ पर बैठे उस कबूतर को देखा और बंदूक से उसकी ओर निशाना साधा। 

शिकारी को कबूतर के ऊपर निशाना साधते हुए चींटी देख रही थी, उसने यह देखकर फौरन ही शिकारी की ओर बड़ी और उसकी एड़ी में जोर से काट लिया।जिसकी वजह से शिकारी दर्द से चिल्लाया और उसका निशाना चूक गया। कबूतर बंदूक की आवाज सुनकर घबरा गया और फौरन ही वहां से उड़ गया, उसे एहसास हुआ कि अगर वहां चींटी नहीं होती तो उसके साथ आज क्या हो सकता था। शिकारी के वहां से जाने के बाद कबूतर चींटी के पास आया और उसकी जान बचाने के लिए उसे धन्यवाद दिया। इस घटना के बाद वे दोनों और भी ज्यादा गहरे दोस्त बन गए। 

Moral: अंतत इस कहानी समय यही शिक्षा मिलती है कि हमेशा अच्छे काम करते रहना चाहिए, क्योंकि अच्छा काम का फल हमेशा अच्छा होता है। अच्छे काम करते रहिए फल की चिंता मत कीजिए, क्योंकि समय आने पर वह आपको अवश्य मिलेगा। 


दूध वाले के सपने – Hindi Short Stories with Moral

Short Stories in Hindi with Moral for Kids 4

एक गांव में एक दूधवाला रहता था, वह रोजाना दूसरे गांव में जाकर दूध बेचा करता था और इसी से उस दूध वाले का गुजारा चलता था।  हालांकि की दूधवाला हमेशा सोचता था कि अगर उसकी गाय ज्यादा दूध देती तो वह ज्यादा पैसे कमाता और इसी वजह से वह अपनी गाय को अच्छे-अच्छे आहार खिलाता ताकि उसकी गाय ज्यादा दूध दे सके। काफी समय बीत गया और यह सिलसिला ऐसा ही चलता रहा लेकिन एक दिन उस दूध वाले की गाय ने दो बाल्टी भर कर दूध दी। यह देखकर दूधवाले के खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा, वह इतना ज्यादा खुश था कि उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसकी गाय ने इतना ज्यादा दूध दिया है।

वह फौरन ही खुशी खुशी दोनों बाल्टी दूध को डब्बे में डाला और अपने साइकिल पर रखकर दूध बेचने के लिए दूसरे गांव चल पड़ा। दूध वाला इतना ज्यादा खुश था कि वह रास्ते में जाते समय कई बातें सोचने लगा और सोचते-सोचते वह सपनों की दुनिया में खो गया। अब  दूधवाले के मन में कई विचार आने शुरू हो गए वह सोचने लगा कि जब वह सारे दूध बेच देगा तो उसके पास ढेर सारे पैसे होंगे और फिर वह उन पैसों से ढेर सारे मुर्गी खरीदेगा और फिर उसके अंडे बेचेगा जिससे और ज्यादा पैसे आएंगे। इसके अलावा उसने और गाय खरीदने की भी सोची ताकि और अधिक दूध प्राप्त हो सके और उसे बेचकर ज्यादा पैसे कमाए जा सके।

 इसके अलावा जब दूध बेचकर ज्यादा पैसे कमा लेगा तो वह घर पर अच्छे अच्छे खाने का सामान लाएगा और साथ ही एक अच्छा ड्रेस खरीदेगा और एक नई चप्पल भी खरीदेगा तथा एक नया घर भी खरीदेगा। इस तरह की ख्यालों में खोया दूधवाला चला जा रहा था तभी रास्ते में एक पत्थर आया और दूधवाले की साइकिल उस पत्थर से टकरा कर पलट गई और सारा दूध जमीन पर बह गया। दूध के जमीन पर गिरते ही दूधवाले के सारे सपने चूर हो गए। अब दूध वाले के पास कुछ भी नहीं बचा था, क्योंकि सारे दूध जमीन पर बह चुके थे। यह देखकर दूधवाला बहुत निराश हुआ और सर पकड़ कर बैठ गया और जोर जोर से रोने लगा। तब उसे एहसास हुआ कि उसे रास्ते पर ध्यान देना चाहिए था। अगर वह शांति से जाता तो उसके साथ यह घटना नहीं घटती है।  

Moral: अंत मे हमे इस कहानी से यही सीख मिलती है, कि जागते हुए कभी सपने नहीं देखने चाहिए हमेशा अपने वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और लालच नहीं करना चाहिए।


लालची कुत्ता – Small Moral Stories in Hindi

Short Stories in Hindi with Moral for Kids 5

एक बार की बात है एक जंगल में एक कुत्ता रहता था। वह काफ़ी भूखा था, क्योंकि उसने कई दिनों से कुछ भी नहीं खाया था। इसलिए वह खाने की तलाश करते करते एक गांव में पहुंचा, वहां उसे एक कुटिया के बाहर रोटी मिली। कुत्ता फौरन ही उस रोटी को मुंह में दबाकर जंगल की ओर भागने लगा। रास्ते में उसे एक बड़ा सा नदी मिला कुत्ता नदी पार करने लगा तभी उसे नदी में अपनी एक परछाई दिखी। परछाई देखकर कुत्ते को लगा कि यह किसी दूसरे कुत्ते की परछाई है, जो उसकी रोटी चुराने के लिए आया है।

कुत्ता नहीं चाहता था, कि वह उसकी रोटी चुरा कर भाग जाए। इसलिए उसने सोचा कि क्यों ना वह भौक कर उस दूसरे कुत्ते को डरा दे। जैसे ही कुत्ते ने भोकने के लिए अपना मुंह खोला वैसे ही वह रोटी उसके मुंह से निकल कर नदी में गिर गई और पानी के बहाव में बहती चली गई। नदी में रोटी गिरने की वजह से एक कुत्ता भूखा रह गया और वही नदी किनारे ही बैठ कर रोने लगा। 

Moral: अंतत इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है, कि हमेशा अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए जल्दबाजी में लिए फैसले हमेशा नुकसान देते हैं।


डरपोक पत्थर –  Good Short Moral Stories in Hindi

Short Stories in Hindi with Moral for Kids 6

एक समय की बात है एक गांव में एक मूर्तिकार रहा करता था, उसे अपने गांव की एक मंदिर के लिए मूर्ति बनानी थी। वह मूर्ति बनाने के लिए अच्छे पत्थर की तलाश करने के लिए जंगल में चला गया। वहां उसे एक अच्छा और सुंदर पत्थर मिला जिसे मूर्ति का आकार देना बहुत ही आसान था। उस पत्थर को देखकर मूर्तिकार काफी खुश हो जाता है और उसे उठाकर अपने साथ अपने घर ले जाने लगता है कि तभी उसे रास्ते में एक और खूबसूरत पत्थर दिख जाता है। वह पत्थर भी काफी अच्छा था उस पर भी मूर्ति बनाई जा सकती थी इसलिए मूर्तिकार ने उस पत्थर को भी अपने साथ ले जाने का फैसला किया। 

अब मूर्तिकार दोनों पत्थर को लेकर अपने घर आ जाता है और अपने औजारों की मदद से पत्थर को मूर्ति का आकार देने का कार्य शुरू करता है। जैसे ही वह एक पत्थर पर चोट मारता है पत्थर कहने लग जाता है कि कृपया मुझे छोड़ दो इससे मुझे काफी तकलीफ हो रही है। तुम किसी दूसरे पत्थर से मूर्ति बना लो, क्योंकि अगर तुम मुझ पर ज्यादा चोट मारोगे तो मैं टूट कर बिखर जाऊंगा। मूर्तिकार को उस पत्थर पर दया आ जाती है और पत्थर की बात सुनकर उस पत्थर को छोड़ देता है और दूसरे पत्थर से मूर्ति बनाने लग जाता है।  यह पत्थर मूर्तिकार को कुछ नहीं बोलता और कुछ ही समय में मूर्तिकार इस पत्थर को तराश कर भगवान की मूर्ति का रूप दे देता है। 

मूर्ति बनने के बाद गांव वाले मूर्तिकार से उस मूर्ति को लेकर गांव की मंदिर में ले जाते हैं। मूर्ति ले जाते समय गांव वाले ने सोचा कि नारियल तोड़ने के लिए भी मंदिर में एक पत्थर की आवश्यकता होगी इसलिए उन्होंने मूर्तिकार से एक और पत्थर की मांग की, मूर्तिकार ने उस दूसरे पत्थर को भी गांव वालों को सौंप दिया। अब मूर्ति को मंदिर में विराजमान किया गया और उसी मूर्ति के नीचे दूसरे पत्थर को रख दिया गया। अब मंदिर में जो भी लोग पूजा करने के लिए आते वह भगवान की मूर्ति पर दूध चढ़ाते हैं और फूलों की माला पहनाते लेकिन वहीं दूसरी ओर नीचे रखी पत्थर पर लोग नारियल फोड़ते जिस वजह से वह पत्थर काफी ज्यादा परेशान होता था।

एक दिन वह पत्थर उस दर्द को नहीं सहन कर सका और मूर्ति बने पत्थर को उसने कहा कि तुम तो बहुत ही आराम से हो, तुम्हें तो दूध से स्नान करवाया जाता है, लड्डू के भोग चढ़ाए जाते हैं और फूलों की माला पहनाई जाती है मेरी तो किस्मत ही खराब है। इस बात पर मूर्ति वाले पत्थर ने उसे जवाब दिया और कहा जब मूर्तिकार ने तुम्हें मूर्ति बनाना चाहा तब तुमने दर्द की वजह से उसे इंकार कर दिया। यदि उस समय तुम उस दर्द को सह लेते तो आज मेरी जगह तुम खड़े होते और तुम्हारी जगह मैं, लेकिन तुमने शुरूआत में दर्द नहीं सहा और तुमने आराम का रास्ता चुना जिसकी वजह से अब तुम्हें जिंदगी भर दर्द सहन करना पड़ेगा। यह सुनते ही उस पत्थर को काफी पछतावा हुआ और एहसास हुआ कि उसने कितनी बड़ी गलती कर दी।

Moral: अत इस कहानी से हमे यही सीख मिलती है कि किसी भी कठिन से कठिन परिस्थिति में घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसका डटकर सामना करना चाहिए। शुरुआती समय में भले ही काफी कठिनाई आए लेकिन यदि उसका डटकर सामना करोगे तभी जीवन में सुख पाओगे अन्यथा कुछ समय के सुख के लिए जीवन भर पछताना पड़ सकता है।


प्यासा कौवा – Short Stories in Hindi for Kids

Short Stories in Hindi with Moral for Kids 7

आज से कई साल पहले गर्मी का मौसम था और बहुत ज्यादा गर्मी पड़ रही थी, जिस वजह से चारों ओर सुखा ही सुखा था। तालाब और नदियां गर्मी की वजह से सूख चुकी थी, लोग पानी के लिए त्राहि-त्राहि हो रहे थे। सारे पशु पक्षी प्यास के मारे तड़प रहे थे। तभी एक दिन एक कौवा भी प्यास के मारे पानी की तलाश करने के लिए इधर-उधर उड़ रहा था लेकिन उसे पानी कहीं भी नहीं मिल रहा था। कौवे को लग रहा था कि वह प्यास के मारे मर ही जाएगा लेकिन कौवे ने हार नहीं मानी वे लगातार पानी की तलाश करता रहा और तभी अचानक उसकी नजर जमीन पर रखें एक घड़े पर पड़ी। 

कौवा घड़ा देख कर बहुत खुश हुआ और वे फौरन ही उस घड़े के पास पहुंचा लेकिन उस घड़े में पानी इतना कम था कि उसकी चोंच पानी तक पहुंची नहीं सक रही थी। यह देखकर कौवा और अधिक परेशान हो गया और उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह उस पानी तक कैसे पहुंचे। काफी समय तक विचार करने के बाद कौवे को एक तरकीब सूझी उसने घड़े के आसपास पड़े कंकर पत्थर को घड़े में डालना शुरू कर दिया। कौवा तब तक उस घड़े में कंकर पत्थर डालता रहा जब तक पानी ऊपर तक नहीं आ गया। कंकर पत्थर डालने की वजह से धीरे-धीरे पानी ऊपर आता गया जैसे ही पानी ऊपर पहुंचा कौवे ने घड़े में अपनी चोंच डाल कर जी भर कर पानी पिया और फिर वहां से खुशी-खुशी उड़ गया।

Moral: अत इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है, कि कभी भी हार नहीं मानना चाहिए चाहे परिस्थिति जैसी भी हो उसका डटकर सामना करना चाहिए, क्योंकि अगर किसी चीज को पाने की इच्छा हो तो उसके लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए तभी वह चीज हासिल होगी।


निष्कर्ष 

आज का यह पोस्ट हम यही पर समाप्त करते हैं। उम्मीद करते हैं आज के इस पोस्ट में हमारे द्वारा दी गई Short Stories in Hindi with Moral for Kids आप लोगों को बहुत पसंद आई होगी। हमने पूरी कोशिश की है, कि हमारे द्वारा ऊपर बताई गई इन प्रेरणादायक कहानियों के वजह से बच्चों को अच्छी सीख मिल सके।

इसलिए हमारी आप से निवेदन है, कि इस पोस्ट को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि बच्चे इन मोरल स्टोरीज को पढ़ें और अपनी जिंदगी में एक सफल और अच्छे इंसान बन सके। इन कहानियों में हमने कुछ मोटिवेशनल स्टोरीज पेश की है, कुछ दोस्तों की स्टोरी शेयर की है, कुछ परिवार से संबंधित स्टोरी शेयर कि हैं ताकि बच्चों को अच्छा ज्ञान मिल सके। हालांकि इसके बावजूद यदि आपको इस पोस्ट से कोई समस्या है या आप हम तक अपनी कोई बात रखना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट मे लिख सकते हैं। 

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