कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है | Qutub Minar ki lambai kitni hai

कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है | Qutub Minar ki lambai kitni hai – कुतुब मीनार भारत की ऐतिहासिक धरोहर है। इसका हमारे देश में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। जैसा कि हम सब जानते हैं क़ुतुब मीनार हमारे भारत की सबसे ऊंची मीनार है। इसके बारे में जानकारी हर किसी को होना चाहिए। कुतुब मीनार को यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा भी दिया है।

आज हम इस लेख में आपको कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है | Qutub Minar ki lambai kitni hai के बारे में बताएंगे। इसी के साथ हम इससे जुड़े हुए रोचक तथ्यों के बारे में भी बताएंगे तथा इसका निर्माण किसने करवाया और यह कितने वर्ष पुरानी है, यह भी जानकारी आपके साथ साझा करेंगे।

कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है | Qutub Minar ki lambai kitni hai

कुतुब मीनार भारत की सबसे ऊंची मीनार है। यह दिल्ली में स्थित है। यह एक तरह का स्तंभ या मीनार है। जिसे बिना ईटों की सहायता से बनाया गया है। इसकी कुल लंबाई 72.5 मीटर है, यदि हम फिट में इसकी बात करें तो यहां 279 फीट ऊंचा है। यह भारत की पहली ऐसी मीनार है, जिसमें पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।

कुतुब मीनार किसने और कब बनाई थी?

कुतुब मीनार का निर्माण भी शताब्दी में शुरू हो गया था तथा इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था। 1193 में इसका निर्माण शुरू हो गया था। कुतुब मीनार की पहली तथा दूसरी मंजिल का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था परंतु तीसरी और चौथी मंजिल का निर्माण समसुद्दीन ने करवाया था। इसकी कुल मंजिलों की संख्या 5 है बाद में पांचवी मंजिल का निर्माण फिरोज़ शाह तुगलक ने करवाया था।

कुतुब मीनार में कुल कितनी सीढ़ियां हैं?

इसमें 379 सीढ़ियां है।

कुतुब मीनार बनाने में कितना समय लगा?

कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 में कुतुब मीनार का निर्माण करना शुरू कर दिया था परंतु बाकी की 4 मंजिलें उनके उत्तराधिकारीओं द्वारा किया गया था। इस तरह से अगर देखा जाए तो कुतुब मीनार को बनाने में कुल 175 साल का समय लग गया।

कुतुब मीनार किसकी याद में बनाया गया था?

जैसे ताजमहल को किसी की याद में बनाया गया है उसी तरह से कुतुब मीनार का भी निर्माण किसी की याद में बनाया गया है। इसका निर्माण अफगानिस्तान में जाम मीनार के याद में बनाया गया था। इसका अनुसरण करके इस भव्य इमारत को तैयार किया गया। इसमें पहला नाम कुतुबुद्दीन ऐबक का है तथा दूसरा नाम जाम मीनार का है। इसी के साथ इसमें गुलाम वंश के शासकों की याद में भी इसका निर्माण शुरू करवाया गया था।

विश्व की सबसे ऊंची मीनार कौन सी है?

विश्व की सबसे ऊंची मीनार दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार है। जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है।

कुतुब मीनार क्यों बंद है?

कुतुब मीनार के ऊपर चढ़ने का बहुत ही घुमावदार तथा छोटा रास्ता है। यहां से केवल एक ही व्यक्ति आना-जाना कर सकता है। इतनी छोटी सीढ़ियां है कि इसमें अच्छे से चलते भी नहीं बनता है परंतु इसका बंद होने का कारण कुछ और है। 4 दिसंबर 1981 को जब लोग कुतुब मीनार के इर्द-गिर्द घूम रहे थे तथा कुछ लोग मीनार में चल रहे थे। तब एक भूकंप आ गया था।

इस भूकंप के वजह से मीनार के अंदर में भगदड़ मच गई थी। इसमें लोगों को ऐसा लगा कि यह मीनारें गिरने वाली है, इसलिए वह जल्दी जल्दी नीचे तथा कुछ लोग ऊपर चढ़ने लगे थे। जब इतने सारे लोग भगदड़ मचाने लगे तो वह ऊपर से गिरने लगे इस दौरान कुल 45 लोगों की मौत हो गई, इसीलिए इस मीनार को बंद कर दिया गया।

क्या कुतुबमीनार में भूत का साया है?

वैसे तो यह बात सही है क्योंकि कुतुब मीनार के पास एक मस्जिद है। ऐसा माना जाता है कि जमाली कमाली की आत्मा जिन्नों के साथ रहती है। जब रात में यहां पर कुछ लोग घूमने आते हैं या फिर इसकी देख रेख करने वाले सुरक्षाकर्मियों को जानवरों के चिल्लाने की आवाज तथा अदृश्य परछाइयां दिखाई देती है। कहा जाता है कि पुराने समय में यहां पर कब्रिस्तान हुआ करता था। आज भी कुछ ऐसी आत्माएं भटक रही है, जिन को शांति नहीं मिली है। इसलिए यह तथ्य सही है।

कुतुबमीनार का वास्तविक नाम क्या था?

कहा जाता है कि यहां पर पहले सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक वराहमिहिर रहा करते थे। यहां पर एक छोटा सा स्तंभ हुआ करता था। इसे हटा करें कुतुबमीनार बनाया गया। कुछ लोगो के अनुसार इसका वास्तविक नाम विष्णु स्तंभ है।

अंतरिक्ष से कुतुब मीनार कैसे दिखता है?

कुतुब मीनार यदि अंतरिक्ष से देखे तो यह एक खड़ी लकड़ी की तरह दिखाई देता है तथा जब हम इसे पास से देखते हैं तो वृत्ताकार दिखाई देता है। इसमें कुछ कलाकृति ही बनी हुई है। यह एक आकर्षण का केंद्र है।

कुतुब मीनार के बारे में रोचक तथ्य

कुतुब मीनार में कोई 379 सीढ़ियां है, जो बहुत ही छोटी सी है। इसके अंदर इन सीढ़ियां को गोलाकार में बनाया गया है।

इसे विश्व धरोहर के रूप में शामिल किया गया है।

कुतुब मीनार के परिसर में एक लोहे का खंबा लगा है जिसमें 2000 सालों से जंग नहीं लगा है।

कुतुब मीनार की आखरी मंजिल तक जाना संभव नहीं है क्योंकि वह काफी नाजुक हो चुकी है।

इसे दिल्ली में इसलिए बनाया गया था क्योंकि उस समय भी दिल्ली को राजधानी के रूप में माना जाता था।

1505 में कुतुब मीनार भूकंप से क्षतिग्रस्त हो गई थी, तब इसकी मरम्मत सिकंदर लोदी ने करवाया था।

इसका निर्माण हल्के पीले तथा लाल रंग के पत्थरों से किया गया है। इस पर कुछ कुरान की आयत भी लिखवाई गई है।

इसके निर्माण के लिए लगभग 27 हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया था।

14 वी शताब्दी में लोहे का खंबा गुप्त वंश के चंद्रगुप्त द्वितीय द्वारा लगवाया गया था।

इसको बनवाने का एक और कारण था कि कुतुबुद्दीन ऐबक अपने जीत तथा शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए इसका निर्माण करवाया था।

यह भारत की सबसे ऊंची तथा शक्तिशाली मीनार में से एक है क्योंकि इस पर किसी प्रकार के भूकंप का भी असर नहीं होता है।

आज आपने क्या सिखा

आशा करता हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है | Qutub Minar ki lambai kitni hai के बारे में बताना है तथा हमने इसमें आपको इससे संबंधित कई रोचक जानकारियां भी प्रदान की है। यह लेख आपके लिए एक ज्ञानवर्धक साबित होगा क्योंकि हर किसी को अपने देश की विश्व धरोहर की जानकारी होनी चाहिए। यदि आपको यह लेख पसंद आता है तो अपने परिवार तथा दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें।

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